पीएम ने असम को दी विकास योजनाओं की सौगात

 डबल इंजन की सरकार में सबका विकासः पीएम मोदी
नई दिल्ली (एजेंसी)।
 पीएम मोदी आंगलोंग जिले के दीफू में 'शांति, एकता और विकास रैली' को संबोधित किया। इससे पहले मोदी ने कार्बी आंगलोंग में मांजा पशु चिकित्सा महाविद्यालय, वेस्ट कार्बी आंगलोंग कृषि महाविद्यालय, अम्पानी वेस्ट कार्बी आंगलोंग गवर्नमेंट कॉलेज सहित कई योजनाओं की आधारशिला रखी।
पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां 1,000 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। ये सारे संस्थान यहां के युवाओं को नए अवसर देने वाले हैं। आज जो शिलान्यास हुआ है वे सिर्फ इमारत का शिलान्यास नहीं है, बल्कि मेरे नौजवानों का शिलान्यास है। उच्च शिक्षा के लिए अब यहीं पर उचित व्यवस्था होने से अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएगा।
मोदी ने कहा कि ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्म जयंती भी मना रहे हैं। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार, जहां भी हो वहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करती है। आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की धरती पर फिर से सशक्त हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, 'आज पूरे देश में हिंसा, अराजकता का समाधान किया जा रहा है, कभी इस क्षेत्र की चर्चा होती थी तो बम और गोलियों की आवाज़ सुनाई देती थी। पिछले वर्ष सितंबर में कार्बी आंगलोंग के अनेक संगठन शांति और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने का कदम उठा चुके हैं। कार्बी आंगलोंग या दूसरे जनजातीय क्षेत्रों में हम विकास और विश्वास की नीति पर ही काम कर रहे हैं।
'सीमा से जुड़े मामलों का समाधान हो रहा है'
सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है। असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी। इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल असम की स्थायी शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था। उसको जमीन पर उतारने का काम आज तेज गति से चल रहा है। हथियार छोड़कर जो साथी राष्ट्र निर्माण के लिए लौटे हैं, उसके पुनर्वास के लिए भी बेहतर काम किया जा रहा है।
पीएम ने बताया कि आज असम में भी 2600 से अधिक अमृत सरोवर बनाने का काम शुरु हो रहा है। जो पूरी तरह से जनभागीदारी पर आधारित है। ऐसे सरोवरों की तो जनजातीय समाज में एक समृद्ध परंपरा रही है। इससे गांवों में पानी के भंडार तो बनेंगे ही, इसके साथ-साथ ये कमाई के भी स्रोत बनेंगे।
हर घर तक पहुंचेगा पानी
जल जीवन मिशन के शुरु होने से पहले तक यहां 2 प्रतिशत से कम गांवों के घरों में पाइप से पानी पहुंचता था, वहीं अब 40 प्रतिशत परिवारों तक पाइप से पानी पहुंच चुका है। मुझे विश्वास है कि जल्द से जल्द असम के हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने लगेगा।

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