'ऋषि जन्मोत्सव एवं बोधोत्सव पर्व पर यज्ञ, वृक्षारोपण और अन्न-वस्त्र दान वितरण

 मेरठ। आर्य युवा समाज डी.ए.वी. मेरठ के तत्वावधान में 'ऋषि जन्मोत्सव एवं बोधोत्सवÓ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला में डी.ए.वी. सेंटेनरी पब्लिक स्कूल शास्त्रीनगर, में सर्वप्रथम पावन यज्ञ किया गया। इस दौरान पर्यावरण शुद्धि एवं सामाजिक कल्याणार्थ 'आर्य युवा समाजÓ के बच्चे लोहियानगर गए। वहाँ उन्होंने कॉलोनी और गाँवों के निकट सड़कों के किनारे 50 से भी अधिक पर्यावरण एवं वायु को प्रदूषण से मुक्त रखने वाले नीम, गुलमोहर, पीपल और सीजनल पौधों को आरोपित कर उनको संरक्षित करने का संकल्प लिया।



आर्य युवा समाज डी.ए.वी. मेरठ के छात्र तेजगढ़ी चौराहे पर स्थित मलिन बस्ती में भी गए। उन्होंने वहाँ केले, बिस्कुट और अन्य खाद्य सामग्री का वितरण किया। आर्य युवा समाज डी.ए.वी. मेरठ के छात्र कुष्ठ आश्रम गए। उन्होंने उन लोगों की समस्याओं को जाना। वहाँ उन्होंने उन्हें भोजन कराया, साथ ही राशन तथा अन्न-वस्त्र दान कर उनकी सेवा की।    
प्रधानाचार्या डॉ. अल्पना शर्मा ने बताया कि वैदिक संस्कृति का विश्व में पुन र्जागरण कर भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले पुरोधा स्वामी दयानंद का भारतीयों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। उनके अनुसार मानवता और मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। मानव सेवा ही नारायण सेवा है। स्वामी जी के जन्मोत्सव पर सामाजिक कल्याण एवं पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यक्रमों को कराने का उद्देश्य यही है कि बच्चे स्वामी जी के आदर्शों से परिचित हों और उन आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। हमें किसी को दुखी नहीं करना चाहिए, बल्कि प्राणी जगत के दुखों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। हमें प्रकृति से सीख लेते हुए परोपकार की भावना से कार्य करना चाहिए। पर्यावरण शुद्धि के लिए हमें वृक्षारोपण करना चाहिए। प्रकृति और मानव दोनों ही जब स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे तभी सृष्टि भी संरक्षित रह पाएगी। इसके लिए मिल-जुलकर कार्य करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह कार्य किसी एक के द्वारा संभव नहीं है। इस अवसर पर प्रधानाचार्या डॉ. अल्पना शर्मा, डॉ. विनीत 'ऋषि जन्मोत्सव एवं बोधोत्सव पर्व पर यज्ञ, वृक्षारोपण और अन्न-वस्त्र दान वितरण
 मेरठ। आर्य युवा समाज डी.ए.वी. मेरठ के तत्वावधान में 'ऋषि जन्मोत्सव एवं बोधोत्सवÓ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला में डी.ए.वी. सेंटेनरी पब्लिक स्कूल शास्त्रीनगर, में सर्वप्रथम पावन यज्ञ किया गया। इस दौरान पर्यावरण शुद्धि एवं सामाजिक कल्याणार्थ 'आर्य युवा समाजÓ के बच्चे लोहियानगर गए। वहाँ उन्होंने कॉलोनी और गाँवों के निकट सड़कों के किनारे 50 से भी अधिक पर्यावरण एवं वायु को प्रदूषण से मुक्त रखने वाले नीम, गुलमोहर, पीपल और सीजनल पौधों को आरोपित कर उनको संरक्षित करने का संकल्प लिया।
आर्य युवा समाज डी.ए.वी. मेरठ के छात्र तेजगढ़ी चौराहे पर स्थित मलिन बस्ती में भी गए। उन्होंने वहाँ केले, बिस्कुट और अन्य खाद्य सामग्री का वितरण किया। आर्य युवा समाज डी.ए.वी. मेरठ के छात्र कुष्ठ आश्रम गए। उन्होंने उन लोगों की समस्याओं को जाना। वहाँ उन्होंने उन्हें भोजन कराया, साथ ही राशन तथा अन्न-वस्त्र दान कर उनकी सेवा की।    
प्रधानाचार्या डॉ. अल्पना शर्मा ने बताया कि वैदिक संस्कृति का विश्व में पुन र्जागरण कर भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले पुरोधा स्वामी दयानंद का भारतीयों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। उनके अनुसार मानवता और मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। मानव सेवा ही नारायण सेवा है। स्वामी जी के जन्मोत्सव पर सामाजिक कल्याण एवं पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यक्रमों को कराने का उद्देश्य यही है कि बच्चे स्वामी जी के आदर्शों से परिचित हों और उन आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। हमें किसी को दुखी नहीं करना चाहिए, बल्कि प्राणी जगत के दुखों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। हमें प्रकृति से सीख लेते हुए परोपकार की भावना से कार्य करना चाहिए। पर्यावरण शुद्धि के लिए हमें वृक्षारोपण करना चाहिए। प्रकृति और मानव दोनों ही जब स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे तभी सृष्टि भी संरक्षित रह पाएगी। इसके लिए मिलजुल कर कार्य करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह कार्य किसी एक के द्वारा संभव नहीं है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ. अल्पना शर्मा, डॉ. विनीत त्यागी,सुनीता सिंह,  अर्चना कुमार, समीक्षा,  प्रवेश डबास और वीरपाल उपस्थित रहे।
त्यागी,सुनीता सिंह,  अर्चना कुमार, समीक्षा,  प्रवेश डबास और वीरपाल उपस्थित रहे।

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