नो स्मोकिंग डे के अन्तर्गत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों के लिए सेमिनार का आयोजन

Meerut-   बीडीएस के परिसर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को तंबाकू सेवन के कुप्रभाव के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें धूम्रपान न करने हेतु प्रोत्साहित करना है और साथ ही साथ इस बात के लिए भी शिक्षित करना है कि वे अपने आसपास के सामाजिक दायरे में भी धूम्रपान को एवं तंबाकू के किसी भी प्रकार के सेवन का विरोध करें।
संगोष्ठी का आरंभ डॉक्टर पूजा शर्मा एसीएमओ नोडल तंबाकू कंट्रोल ऑफ मेरठ की अध्यक्षता में किया गया सत्र का आरंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद स्कूल की छात्राओं द्वारा एक प्रेरणादायक गीत द्वारा किया गया।प्रधानाचार्य  ने डॉक्टर पूजा शर्मा एसीएमओ, प्रमुख वक्ताओं डॉक्टर संतोष मित्तल टीबी चेस्ट मेडिकल कॉलेज, डॉक्टर तरुण पाल जी प्रोफेसर आफ सायकेट्री एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज एवं  उपस्थित अन्य जनों का स्वागत किया।

       डॉक्टर संतोष मित्तल जोकि टीबी चेस्ट के विशेषज्ञ हैं उनके व्याख्यान के पश्चात डॉ तरुण पाल ने बच्चों को मनोवैज्ञानिक तथ्य भी बताएं कि किस प्रकार मानसिक दबाव में और कई बार सिर्फ दोस्तों के और समाज में चल रही प्रथा की वजह से बच्चे एवं युवा तंबाकू का सेवन, सुपारी एवं सिगरेट का सेवन करने लग जाते हैं और इस तरीके से बुरी लत के आदि हो जाते है।
      विशेषज्ञों के व्याख्यान के पश्चात एसीएमओ मैडम ने बच्चों को अपने आसपास जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया और साथ ही साथ उनको शपथ भी दिलाई कि उनके आसपास ना तो तंबाकू का इस्तेमाल होने देंगे और स्वयं भी बुराई से दूर रहने का प्रयत्न करेंगे। बच्चों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ सेमिनार में भाग लिया,  प्रश्न उत्तर भी पूछे एवं साथ ही साथ प्रतिज्ञा पत्र को हस्ताक्षरित किया।
     
      प्रधानाचार्य  ने स्वास्थ्य विभाग का धन्यवाद देते हुए इस प्रकार के अन्य कार्यक्रमों के आयोजन का सुझाव दिया जिनसे प्रेरित हो कर बच्चे सही दिशा में बढ सके। सामान्यता बच्चे बुरी लतों में या बुरी संगत में पड़कर जो गलत फैसले लेते हैं वह बच्चो को दिशाविहीन कर देते है।

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