गरीबों की सवारी साइकिल भी हुई जेब से बाहर,मेटल के दामों में बढ़ोत्तरी

 मेरठ। रुस और यूक्रेन युद्ध का असर अब अंतराष्ट्रीय बाजार के साथ स्थानीय बाजार पर भी पड़ रहा है। स्थानीय बाजार में हर तरफ उथल पुथल मची हुई है। सबसे अधिक अ​सर कच्चे माल की कीमतों पर पड़ रहा है। इसमें भी मेटल की कीमतों में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है। जिससे गरीबों की सवारी साइकिल के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। साइकिल निर्माण करने वाली कंपनियों ने लागत बढ़ा दी हैं। कंपनियां अब नए दर पर साइकिलों की आपूर्ति करेंगी। इसे लिए ई-मेल कर अपने डीलरों को भी बता दिया है। बाजार में अब साइकिल की खरीद बढ़ी हुई कीमतों पर होगी। साइकिल कंपनियां पुराने दामों पर माल देने से मना कर रही हैंं। साइकिल विक्रेत सिराज का कहना है कि कंपनियों ने अब यह कह दिया है कि जिस दिन माल बेचा जाएगा उसी दिन का रेट लगेगा। इससे साइकिल की कीमत में अब 1500 से लेकर 2000 रुपये तक का उछाल आया है।

देश में साइकिल का अधिकतर सामान वियतनाम, चीन, कोरिया और ब्रिटेन से आता है। ब्रिटेन से एल्युमिनियम का सामान आता है। जबकि अब लोहे के दाम भी 25 रुपये प्रति किलो तक बढ़े हैं। वहीं एल्युमिनियम के दाम में भी 50 रुपये तक का उछाल आया है। कोरोना के बाद लॉकडाउन और उसके बाद रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते मेटल के दामों में आग लगी है।

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