यूपी में पत्रकारों के पेंशन को ऐप्रवा करेगी बड़ा आंदोलन: शास्त्री
 पिछले कई वर्षों से लटकाया जा रहा है मामला
प्रभुनाथ शुक्ला
भदोही।ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन पत्रकारों को पेंशन दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश में लड़ाई लड़ेगी। संगठन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के विभिन्न राज्यों में पत्रकारों को पेंशन दिया जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
शास्त्री ने बताया कि कुछ लोग शरारत बस एवं सरकार को बदनाम करने की नियत से पत्रकारों के पेंशन में रोड़ा बने हुए है। जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रेस काउंसिल आफ इंडिया द्वारा पूर्व में ही उत्तर प्रदेश के पत्रकारों को पेंशन देने के लिए कहा गया है एवं आदेश भी दिया जा चुका है। लेकिन कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों की अवहेलना एवं पीसीआई के आदेश को दरकिनार कर प्रकरण को लटकाया है, जो एक लोकतांत्रिक देश के लिए सही संकेत नहीं है।
देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार गण रमेश चन्द जैन, निर्भय सक्सेना, द्विजेन्द्र मोहन शर्मा आदि लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को  विषयगत प्रकरण के संबंध में एक प्रतिवेदन मई 2017 में सौंपा गया था। इस संबंध में दशकों से ऐप्रवा परिवार की ओर से वरिष्ठ पत्रकार प्रभुनाथ शुक्ला, राजेश पांडेय, हरि नारायण पांडेय, कमल श्रीवास्तव, प्रशांत श्रीवास्तव, संदीप समीर तिवारी, दिलीप चंद्र पांडेय, आशीष जायसवाल, मुकेश गुप्ता, अमर चंद्र पटेल, राकेश सिंह, संजय सिंह, राकेश विश्वकर्मा, कमलेश चंद्र शर्मा, मिथिलेश वर्मा, विष्णु देव पांडे, विनय प्रकाश तिवारी, संतलाल, अशद कुरैशी, अभय पाडेय, वीके यादव व समाजसेवी पत्रकार मनोज कुमार उपाध्याय सहित आदि पत्रकारों के साथ प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, केरल, चेन्नई, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश आदि एक दर्जन से अधिक राज्यों में वरिष्ठ नागरिक पत्रकारों को 15 हजार रुपये तक मासिक सम्मान राशि (पेंशन) दी जा रही है उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश के पत्रकारों को भी पेंशन देकर एक देश एक कानून का नियम लागू किया जाए।
श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि  ऐप्रवा परिवार द्वारा फिर से हर जगह वरिष्ठ नागरिक पत्रकारों को मासिक सम्मान राशि (पेंशन) उपलब्ध कराने हेतु प्रार्थना पत्र हर फोरम के माध्यम से भेजा रहा है। यदि इस बार भी पेंशन लागू करने के लिए आदेश नहीं हुआ तो, ऐप्रवा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल करेगा।

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