सीसीएसयू में खुलेगा जुलाजिकल सर्वे आफ इंडिया का अध्ययन केंद्र
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग का जूलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (जेडएसआइ) से करार हुआ है। विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक जूलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के संसाधन, लैब का प्रयोग कर सकेंगे। वहां के विज्ञानियों से शोध में सहायता ले सकेंगे। इसके साथ ही सीसीएसयू में एक जेडएसआइ अध्ययन केंद्र की स्थापना पर भी सहमति बनी है। इससे मेरठ और आसपास की जैव विविधता का गहराई से अध्ययन करने में भी मदद मिलेगी। प्रदेश में सीसीएसयू इस तरह का पहला विश्वविद्यालय है।
सीसीएसयू के जंतु विज्ञान विभाग की ओर से कैपिसिटी बिल्डिंग वर्कशाप इन निमेटोड टैक्सोनोमी और सेटेलाइट सिम्पोजियम आन एडवांसेज इन निमेटोलोजी का कार्यक्रम शुरू हुआ। बृहस्पति भवन में वर्कशाप के दौरान जूलाजिकल सर्वे आफ इंडिया और सीसीएसयू के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम और जेडएसआइ के विज्ञानियों के समय-समय पर सीसीएसयू में आने पर सहमति बनी। छात्र जेडएसआइ के देश भर में खुले 16 केंद्रों में जाकर शोध कर सकेंगे। जेडएसआइ के छात्र भी पीएचडी के लिए सीसीएसयू में रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इस दौरान कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, जेडएसआइ की निदेशक डा. धृति बनर्जी, मां शाकुम्भरी देवी विवि सहारनपुर के कुलपति प्रो. एचएस सिंह, प्रो. निरुपमा अग्रवाल, विभागाध्यक्ष प्रो. नीलू जैन गुप्ता, प्रो. एके चौबे, प्रो. संजय भारद्वाज आदि अन्य रहे।
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