हिन्दी की वही स्थिति जो हमने बनाया है -प्रो वाई विमला 

 मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हिंदी की अन्तरराष्ट्रीयता एवं रोजगार की संभावनाएं का शुभारम्भ बृहस्पति भवन में किया गया।उद्घाटन सत्र हिंदी की अन्तरराष्ट्रीयता और रोजगार की संभावनाएं की अध्यक्षता प्रति कुलपति प्रो वाई0 विमला ने की। मुख्य अतिथि अनिल जोशी, उपाध्यक्ष केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा विशिष्ट अतिथि डॉ बीना शर्मा निदेशक केन्द्रीय हिंदी संस्थान आगरा, विशिष्ट अतिथि प्रो, सत्यकाम, समकुलपति, इग्नू, नई दिल्ली, विशिष्ट अतिथि प्रो. रामप्रसाद भट्ट, आचार्य, हेम्बर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी शामिल रहे। 

प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी, संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग में सभी अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया। स्वागत भाषण में प्रो लोहनी ने कहा कि हम तकनीक में पिछड़े हैं। ंिहंदी फॉण्ट को लोकप्रिय नहीं बना पाए हैं। हिंदी को विज्ञान की भाषा नहीं बना पाए। सरकारी नीतियों में भाषा संबंधी प्रयास भी कम है। नई शिक्षा नीति में हिंदी को लेकर कोई विशेष कार्य हिंदी क्षेत्र मेंं नहीं हो पाया है। आजादी के 75 वर्षों में जो विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया। हिंदी को भारत में पहले लोकप्रिय होना चाहिए। विश्व भाषा की चर्चा बाद का प्रश्न है।

सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रो वाई विमला ने कहा कि हिंदी की स्थिति वही है जो हमने बनाया है। ये हमारे प्रयासों का ही परिणाम है। विश्व के 80 प्रतिशत देशों में हिंदी को बोला समझा जाता है। हिंदी वहीं होगी जैसा उसे बनाऐंगे। हिंदी संस्कृत की पुत्री है इसलिए संस्कृत का साहित्य हिंदी में विलय हो गया है। हिंदी का बोलीगत रूप हर दिशा में विद्यमान है। हिंदी भारत की राजभाषा है इसलिए इसका आदर करना और कराना दोनों ही जरूरी है।

मुख्य अतिथि अनिल जोशी ने कहा कि हिंदी वहाँ है जहाँ भारतीय डायस्पोरा है। फिजी की रामायण मण्डलियों ने 80 से 90 प्रतिशत स्कूलों को चलाया है। हिंदी की अन्तरराष्ट्रीयता प्रवासी सहित्य, नृत्य, संगीत, हिंदी फिल्मों में परिलक्षित होता है, हिंदी फिल्मों की लोकप्रियता विदेशों में चरम पर है। नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को वह महत्व मिला है, जिसकी वे अधिकारिणी हैं। ज्ञान पद्धतियों और शिक्षा नीतियों में जीवन मूल्यों का प्रश्न, भाषा का प्रश्न है। भाषा, मात्र भाषा नहीं यह जीवन मूल्यों, रोजगार की भाषा है। अंग्रेजी हमारी शक्ति बनेए हमारी बैसाखी नहीं। 

विशिष्ट अतिथि डॉ. बीना शर्मा ने कहा कि हिंदी मात्र साहित्य और संस्कार की भाषा नहीं बल्कि रोजगार की भाषा भी है। समर्थ अभिव्यक्ति रोजगार दिलाती है। हिंदी में रोजगार की अनंत संभावनाएं हैं। हमारे पाठ्यक्रम रोजगारपरक होने चाहिए। भाषाई कौशलता के विकास के बिना रोजगार की संभावनाएं सृजित नहीं होगी।

विशिष्ट अतिथि प्रो सत्यकाम ने कहा कि ऑनलाईन जीवन शैली ने हमारे सुनने के कौशल को प्रभावित किया है। हिंदी भी देश से बाहर मजदूर और किसानों के साथ गिरमिटिया मजदूरों के रूप में गई। वहीं प्रवासी हिंदी साहित्य के रूप में हिंदी साहित्य के सम्मुख है। मॉरीशस भारतीय संस्कृति का तीर्थ है। भारतीय पौराणिक पात्रों के आधार पर अंग्रेजी में सबसे ज्यादा लिखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीयता के संदर्भ में हिंदी को भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि के तौर पर देखना चाहिए। विशिष्ट अतिथि प्रो. रामप्रसाद भट्ट ने कहा कि भाषा संस्कृति, समाज, भूगोल की प्रतिनिधि है। हिंदी का दायरा बहुत विशाल है, उसे समझने के लिए विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। हिंदी की शब्द सम्पदा का संरक्षण प्रयोग को बढावा देने की आवश्यकता है। 

संगोष्ठी का दूसरा सत्र भारतीय भाषाएं हिंदी और नई शिक्षा नीति पर केन्द्रित रहा। दूसरे सत्र की अध्यक्षता प्रो नरेश मिश्र पूर्व विभागाध्यक्ष, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा ने की मुख्य अतिथि प्रो. सविता मोहन, पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड विशिष्ट अतिथि प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा, निदेशकए सीपीआईएचई नीपा नई दिल्ली उपस्थित रहे। 

 प्रो. नरेश मिश्र ने कहा कि मातृभाषा बड़ी ताकतवर है जिसमें जोर नहीं लगाना पड़ता है। हिंदी शब्द सागर 11 खण्डों में नागिरी प्रचारिणी सभा ने प्रकाशित किया है। हिंदी में स्वाभिमान तभी जागृत होगा जब हिंदी की उच्चारणिक सिद्धांतों की जानकारी होगी।  कार्यक्रम में डॉ. वंदना शर्मा, डॉ. कविता त्यागी, डॉ.रामयज्ञ मौर्य, डॉ.असलम खान, दिनेश कुमार, रमेश यादव,डॉ राजेश कुमार, डॉ. विपिन शर्मा, संदीप, डॉ. विद्यासागर सिंह, डॉ.प्रवीण कटारिया, डॉ. अंजू, डॉ. आरती राणा, डॉ यज्ञेश कुमार, डॉ. योगेन्द्र सिंह, दीपा, मोहनी कुमार, कु. पूजा, विनय कुमार, डॉ.प्रगति, पूजा यादव, रीना, डॉ, उमा उपाध्याय, नितिन कुमार सचिन, उपेन्द्र, वसीम खान, स्वाति, अंजलि, विशाल ,काजल, राधा, शिवम, शिवानी, आयुषी, प्रियंका, बॉबी, अर्पूवा, निकुंज,आदि उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts