मेरठ में नंदी को दूध और जल पिलाने के लिए शिव मंदिरों में शहर से देहात तक भक्तों की भीड़
मेरठ। शहर से लेकर देहात तक इस समय शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है। हर कोई शिवभक्त शिव के नंदी को दूध और जल पिलाने के लिए लाइन लगाए हुए हैं। देर रात से शुरू हुआ नंदी को दूध और जल पिलाने का सिलसिला आज शाम तक भी जारी है। नंदी को दूध और जल पिलाने के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। शहर से लेकर देहात तक के मंदिरों में दूध और जल पिलाने वालों की होड़ लग गई।
सम्राट पैलेस स्थित राजराजेश्वरी मंदिर में और बुढाना गेट स्थ्रित स्वयंभू मंदिर के अलावा गढ़ रोड स्थित नेहरू नगर गली नंबर-दो में आशुतोष महादेव मंदिर में महिलाओं की भीड़ जुटी हुई हैं। महिलाएं इसे भगवान शिव का चमत्कार मान रही हैं। बता दे कि इंटरनेट पर नंदी की मूर्ति द्वारा जल और दूध पीने की वीडियो वायरल हुई। उसके बाद तो मेरठ के अधिकांश मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचने शुरू हो गए। देखते ही देखते मंदिर में भक्तों की भीड़ लग गई। कई स्थानों पर तो मंदिर संचालकों और पुजारियों को मंदिर के दरवाजे तक बंद कर देने पड़े। लोगों ने विरोध जाहिर करते हुए हंगामा किया तो बामुश्किल समझाकर शांत कराया गया। भीड़ बढ़ती देख आसपास के लोगों ने मंदिर के कपाट दोबारा खुलवा दिए। ग्रामीण इलाकों में भावनपुर, बागपत रोड, जानी, सरधना में भी देखने को मिली।
भौतिकी के जानकारों ने इसे चमत्कार नहीं बल्कि इसके पीछे की वजह द्रव्यों का पृष्ठ तनाव यानी सरफेस टेंशन बताया। भौतिक विज्ञान से पीएचडी कर रहे शिवम पांडे ने इसे अंधविश्वास बताया। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान की भाषा में इसे कैपिलरी राइज बोला जाता है। उन्होंने बताया कि अगर किसी बंद किए नल की टोंटी से टपकती बूंद को स्पर्श करें तो वह सरक कर हाथ में आ जाती है। इसी प्रकार जब दूध या पानी-जल से भरे चम्मच को किसी बाहर की ओर निकली आकृति वाली मूर्ति से स्पर्श कराया जाता है तो दूध या जल का पृष्ठ तनाव द्रव्य को ऊपर की ओर चम्मच से बाहर खींचता है। दूध या जल खिंचने के बाद गुरूत्वाकषर्ण के कारण यह मूर्ति से नीचे की ओर सरक जाता है।
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