ईवीएम पर यूपी में मचा रहा घमासान

विपक्ष के छेड़छाड़ के आरोपों को सत्ता पक्ष ने नकारा

लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आने में अब कुछ ही घंटे का समय बचा है। 10 मार्च को सुबह आठ बजे से मतगणना होनी है। इस बीच ईवीएम में छेड़छाड़ या अदला-बदली के आरोपों पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई जिलों में प्रदर्शन किया। वाराणसी समेत राज्य के कई जिलों में स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी के लिए मौजूद सपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। वहीं विपक्ष के आरोपों पर सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी पलटवार किया है।
एग्जिट पोल ने यूपी में भाजपा सरकार को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया है। इसके विरोध और पक्ष में बयानबाजी तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मतगणना से पहले भाजपा पर ईवीएम में धांधली के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वाराणसी, बरेली और सोनभद्र में ईवीएम व मतपत्र पकड़े जा चुके हैं। भाजपा ईवीएम के जरिए वोटों की चोरी करा रही है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे अखिलेश की बौखलाहट और घबराहट बताया है तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थननाथ सिंह ने भी तीखे तंज कसे। ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ईवीएम विलाप मंडली का हार से पहले हाहाकार शुरू हो गया है। कभी इन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए, कभी अधिकारियों पर सवाल खड़े किए। उनको कभी इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि जनता उनके साथ क्या करने वाली है। यूपी सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा कि एग्जिट पोल में अपनी पराजय देखकर अखिलेश यादव जी बौखलाहट में पूरी चुनावी प्रक्रिया को ही कोस रहे हैं।
मतगणना स्थल पर डटे रहें कार्यकर्ता
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि गुरुवार सुबह आठ बजे से पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होगी। इसके 30 मिनट पश्चात ईवीएम मतगणना शुरू की जा सकती है। मेरा आग्रह है कि मतगणना सम्पन्न होने तक सपा गठबंधन के गणना अभिकर्ता अपने-अपने टेबल पर सजगता व सतर्कता के साथ डटे रहें। पोस्टल मतों की निर्बाध गिनती ईवीएम के समानांतर ही जारी रहे।

सपा प्रमुख के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंचे भाजपाई
नई दिल्ली (एजेंसी)।भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर उत्तर प्रदेश में हिंसा मुक्त मतगणना सुनिश्चित करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेतृत्व की कथित उकसाने वाली बयानबाजी पर आपत्ति जताई और आयोग से संवैधानिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं रखने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी और जी. किशन रेड्डी शामिल थे।

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