अंतराष्ट्रीय महिला दिवस

 21 वीं सदी में सोशल प्लेटफार्म पर महिला के प्रति बढ़े अपराध
मेरठ। 21 वीं सदी में सोशल मीडिया हम सब की आवयश्कता बन गया है। कोविड के बाद से स्त्रियों का सोशल मीडिया उपयोग और भी ज़्यादा बढ़ गया है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या व्यवसायए मनोरंजनए नौकरीए बैंकिंगए एक्टिविज्म का। सोशल मीडिया से दूर रहना सम्भव नहीं है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, कू, यूट्यूब आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर महिलाओं की उपस्थिति बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया पर जैसे.जैसे स्त्रियों की उपस्थिति बढ़ रही है, वैसे ही उनकी अस्मिता पर ख़तरे भी बढ़ रहे हैं। ऑनलाइन क्लास के चलते छात्राओं.शिक्षिकाओं तक को कई बार अभद्र टिप्पणी का सामना करना पड़ता है। यह बातें आईटी एक्सपर्टस ज्योति त्रिपाठी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया एक मज़बूत मंच के रूप में उभर रहा है,लेकिन इस मंच पर महिलाओं को आये दिन न जाने कितने ही आघात झेलने पड़ते हैं। आजकल सोशल मीडिया स्त्री शोषण का प्रमुख माध्यम बन चुका है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर स्त्री विरोधी गतिविधियां बढ़ने के कारण इस विषय पर गहन चिंतन की आवश्यकता है। इंटरनेशनल वीमेंस डे के मौके पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय था, सोशल मीडिया और स्त्री अस्मिता पर मंडराते ख़तरे।वेबिनार में डॉ.शैलजा निगम एवं आईटी एक्सपर्ट डॉ. ज्योति त्रिपाठी ने वक्तागण के रूप अपने विचार रखे। इस विषय के कारण एवं समाधान पर विस्तार से प्रकाश डाला। सोशल मीडिया पर स्त्री के साथ कौन से अपराध होते हैं उनकी रोकथाम के लिए कौन से क़ानूनी प्रावधान हैं और टेक्नोलॉजी के तहत कौन से ऐसे तरीक़े हैं जिनके माध्यम से हम सोशल मीडिया पर होने वाले स्त्री विरुद्ध अपराधों को कम कर सकते हैं आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
स्त्री को सोशल मीडिया पर किस प्रकार सतर्कता बरतते हुए काम करना चाहिए, इसके बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर डॉ. शैलजा निगम ने बताया कि सोशल मीडिया पर साइबर क्राइम के जो केस आ रहे हैं उनमे अपराध मुख्यत: फेक आईडी से किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध करना बहुत आसान है क्योंकि यहाँ क्रिमिनल बिना सामने आए, क्राइम कर सकता हैं। शैलजा निगम जी ने साइबर क्राइम की शिकायत के बारें में बताया कि उत्तर प्रदेश में 18 थाने खोले गए हैं और भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने और  सीईआरटी पोर्टल बनाये गयें हैं। इन पोर्टल से महिला हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। शैलजा जी ने आईटी एक्ट की महत्वपूर्ण धाराएं भी बताई।

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