दो दिन का अवकाश लेकर 12 दिन से गायब डीडीओ ने सीबीआइ की विशेष अदालत में किया सरेंडर
मेरठ। पिछले 12 दिनों से गायब चल रहे डीडीओ को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लग गया है। संतकबीरनगर में कुछ साल पहले हुए मनरेगा घोटाले में आरोपित मेरठ के जिला विकास अधिकारी ने लखनऊ स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में 24 फरवरी को ही सरेंडर कर दिया थाए जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब इस प्रकरण में अग्रिम कार्रवाई के लिए स्थानीय जिला प्रशासन ने आयुक्त ग्राम्य विकास को पत्र भेजा है।
जनपद में करीब चार साल से तैनात डीडीओ दिग्विजय नाथ तिवारी 18 फरवरी को दो दिन का अवकाश लेकर गए थेए लेकिन लौटे नहीं। तीन दिन पहले सीडीओ ने डीडीओ के गायब रहने को लेकर डीएम को कार्रवाई के संबंध में पत्र लिखा। साथ ही डीडीओ का कार्यभार परियोजना निदेशक को मौखिक रूप से दे दिया। डीडीओ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 22 फरवरी को जमानत याचिका दायर की थीए जिस पर सुनवाई होना बाकी है। लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार अग्रिम जमानत न मिलने की स्थिति में डीडीओ ने विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया। दिग्विजय के जेल जाने की जानकारी यहां के प्रशासनिक अधिकारियों को भी हैए लेकिन वे खुलकर नहीं बोल रहे। संतकबीरनगर में तैनाती के दौरान डीडीओ पर 2007 से 2010 के बीच में मनरेगा के तहत आए धन के घोटाले का आरोप लगा था। जिसकी जांच सीबीआइ कर रही है। मनरेगा में करीब ढाई सौ करोड़ रुपये का घपला हुआ था।
इस मामले में डीएम मेरठ के बालाजी ने बताया कि डीडीओ के गायब रहने के संबंध में आयुक्त ग्राम्य विकास को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है। जमानत याचिका दायर करने से संबंधित सूचना विभिन्न माध्यमों से मिली है।
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