श्रीगौशाला कपसाढ़ का 119 वां वार्षिकोत्सव भव्यता से सम्पन्न

सरधना (मेरठ) रविवार को श्रीगौशाला कपसाढ़ का 119 वां वार्षिकोत्सव चतुर्वेद शतकम यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुआ। यज्ञ के  ब्रह्मा आचार्य डॉ कपिल आचार्य ने  सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि यज्ञ करने वाले का घर सभी धन धान्यों से,ऐश्वर्य से परिपूर्ण रहता है,उन्होंने बताया कि यज्ञ भौतिक और परमार्थिक दोनो मार्गों के सेतु हैं, सुख के आधार है, ये ऊंची से ऊंची गति, उन्नति के द्योतक हैं उद्बोधन देकर सभी यज्ञ करने के लिए प्रेरित किया। साथ गौमाता की सेवा परम् कर्त्तव्य बताते हुए कहा सर्वदेवमय गौमाता को कहा जाता है इसलिए देवीस्वरूपा गौमाता की सेवा अवश्य किया करें।  आचार्य देवपाल ने कहा कि पंचमहायज्ञ उन्नतियों के प्रतीक हैं।ब्रह्मयज्ञ-आत्मिक उन्नति, देवयज्ञ- पारिवारिक और सामुदायिक, पितृयज्ञ-सामाजिक,अतिथि यज्ञ-राष्ट्रीय एवं बलिवैश्वदेव यज्ञ-विश्वभर की उन्नति, कल्याण के साधन हैं।इन यज्ञों को करना प्रत्येक नर नारी का परम कर्त्तव्य है। स्वामी विश्वानन्द, स्वामी शिवानन्द, सुनील प्रधान जिला पंचायत सदस्य ने भी सम्बोधित किया। भजनोपदेशक कृष्णदत्त नादान, सहदेव सिंह बेधड़क, सोमपाल आर्य, उपकार आर्य ने राष्ट्रभक्ति गीतों के द्वारा उपदेश दिया। इस अवसर पर वीररस के कवि सुल्तान सिंह सुल्तान की कविताओं ने रौंगटे खड़े कर देने वाली सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी विजयमुनि की। गौशाला अध्यक्ष सहदेव आर्य, उपाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह, अनुज, संजय सिंह व भँवर सिंह आर्य सपत्नीक यजमान रहे। वंदना आर्या, राजेश्वरी आर्या व महिमा आर्या ने सुंदर वेदपाठ ओर भजन प्रस्तुत किये। इस अवसर पर क्षेत्र के कुशावली,चकबन्दी,  दादरी, टीटोडा, राड़धना, सरधना, पीरपुर, सकौती आदि गांवों से सैंकड़ो की संख्या में आर्यजन उपस्थित रहे।

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