ऑनलाइन गेमिंग पर रोक के फैसले को हाईकोर्ट ने किया रद
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने ऑनलाइन जुए और सट्टे पर पाबंदी लगाने के लिए पुलिस एक्ट में संशोधन किया था। संशोधन विधेयक के प्रारूप में ऑनलाइन गेम को परिभाषित किया गया था। इसमें सभी प्रकार के जुए या सट्टेबाजी शामिल की गईं। इसके लिए भुगतान किए गए रुपयों या वर्चुअल करेंसी के इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण को भी प्रतिबंधित किया गया था।
कर्नाटक विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा की ओर से पुलिस कानून 1963 में परिवर्तन के लिए पुलिस (संशोधन) विधेयक 2021 पेश किया गया था। हालांकि, ऑनलाइन खेलों से जुड़ी कंपनियों का कहना था कि कर्नाटक का बंगलुरु जैसा शहर, जो कि गेमिंग कंपनियों के हब के तौर पर उभर रहा है, ऐसी जगहों पर भी प्रतिबंध लगाने से शहर के गेमिंग हब बनने की कोशिशों के लिए चुनौतियां पेश होंगी।
कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कर्नाटक अधिनियम संख्या 28/2021 के कुछ प्रावधान अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर बनाए गए थे। इसके चलते हम इन्हें रद कर रहे हैं। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि अगर जुए के खिलाफ संविधान के अनुरूप कोई नया कानून लाया जाता है तो वह विधायिका के फैसले के बीच में नहीं आएगा।
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