महिलाओं का आर्थिक विकास
अब समाज में महिलाओं के आर्थिक विकास को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। महिला सशक्तिकरण की बात तो हम लंबे समय से कर रहे हैं, पर हमारे मुल्क की तीव्र आर्थिक प्रगति के लिए अब महिलाओं के आर्थिक विकास को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। इन दिनों भारतीय अर्थव्यवस्था दो प्रकार की स्थितियों से गुजर रही है। एक तरफ जहां आर्थिक विकास में निरंतरता बनाए रखना मुख्य उद्देश्य है, तो वहीं दूसरी तरफ लगातार बढ़ रही आर्थिक असमानता भारत के समग्र आर्थिक विकास में बहुत बड़ी बाधा है। लगातार बढ़ती आर्थिक विषमता ने अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को बहुत चौड़ा कर दिया है। कोरोना महामारी के दौरान जहां एक तरफ भारत में गरीबों की संख्या में सात करोड़ की बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी तरफ अरबपतियों की संख्या में सैंतीस प्रतिशत की वृद्धि। यह हमें लगातार सोचने को विवश कर रही है। इस विकट परिस्थिति से भी निपटा जा सकता है अगर आर्थिक सुधारों में महिलाओं के आर्थिक विकास को मुख्य उद्देश्य के रूप में रखा जाए।
भारत में महिला आर्थिक विकास तभी संभव है, जब हर महिला रोजगार को अपना उद्देश्य बनाए। भारत में वर्तमान महिला आर्थिक विकास से संबंधित कार्यों और नीतियों पर एक दृष्टि डालें, तो पाएंगे कि आजादी के पचहत्तर वर्षों बाद भी महिला सशक्तीकरण का विचार हमारे कानों में गूंजता तो रहता है, पर अभी तक भारत में इस पर ठोस कार्य नहीं हुए हैं। सही मायनों में महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब महिला आर्थिक विकास की ओर मजबूती से काम हो। स्थिति इतनी विकट है कि देश की कुल आबादी में अड़तालीस प्रतिशत महिलाएं हैं, पर रोजगार में सिर्फ एक तिहाई ही संलग्न हैं।
महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन की सोच को देखते हुए अब महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा उद्यमिता की तरफ बढ़ना चाहिए। पिछले कुछ समय से समाज में एक बदलाव आया है, जिसमें माता-पिता अपनी पुत्री के लिए भी तकनीकी तथा व्यावसायिक प्रबंधन की शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा प्राथमिकता देने की कोशिश कर रहे हैं। महिलाओं के आर्थिक विकास के मुद्दे को बड़ी संख्या में बल तब मिलेगा, जब ऐसी शिक्षित लड़कियां स्वयं आगे बढ़ कर अपनी तकनीकी तथा व्यावसायिक प्रबंधन की शिक्षा का उपयोग खुद के व्यावसायिक प्रतिष्ठान में करने की कोशिश करेंगी। इसके माध्यम से समाज में एक बदलाव आएगा तथा महिलाओं का समाज के आर्थिक विकास में भी योगदान बढ़ेगा। अगर वास्तव में महिला आर्थिक विकास की बात करनी है, तो हमें उपरोक्त सामाजिक सोच तथा मानसिकता को बदलना होगा।
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