सरधना से साजिद कुरैशी की रिपोर्ट------- एमपीएस ने किया कोरोना काल के 18 महीने की फीस माफ करने का फैसला - मजीदिया पब्लिक स्कूल सरधना ने लोगों के रोजगार संकट को महसूस कर उठाया अनुकरणीय कदम - आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को किताब-यूनिफार्म देने का किया ऐलान सरधना (मेरठ) । नगर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान मजीदिया पब्लिक स्कूल एमपीएस ने कोरोना काल में अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को महसूस करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके अंतर्गत एमपीएस में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को 18 महीने की फीस माफ करने की बड़ी और अनुकरणीय राहत दी है। इसी के साथ प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि आर्थिक कारणों से कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए पात्र विद्यार्थियों की फीस माफ करने के अलावा कापी-किताब और यूनिफार्म तक निशुल्क देने की घोषणा की गई है। ईकड़ी रोड स्थित शिक्षण संस्था एमपीएस के निदेशक जफर कुरैशी ने बताया कि कोरोना काल निम्न और मध्यम वर्ग पर बहुत भारी गुजरा है। अनेक ऐसे परिवार हैं, जिनके मुखिया नौकरी से वंचित हो गए। रोजगार के अभाव में यह देखा गया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की फीस देने में उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने बाद में फीस देने का वादा किया। लेकिन कोरोना काल काफी लंबा चला, जिसके कारण बहुत से परिवार आर्थिक संकट से उबर नहीं पाए। ऐसे में संस्थान ने निर्णय लिया कि कोरोना काल के 18 महीने की प्रत्येक बच्चे की फीस माफ कर दी जाए। उनके इस निर्णय से विद्यार्थियों और अभिभावकों में खुशी की लहर है। मोहम्मद जफर कुरैशी ने बताया कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई तारी रखने के लिए कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए 10-10 की टीम में उन्हें स्कूल बुलाया गया। जहां टीचर्स ने होम वर्क देकर उन्हें घर वापस भेजा। इस बीच सप्ताह में दो दिन अवकाश रखा गया। जिसमें स्कूल को सेनेटाइज करने का काम स्टाफ द्वारा किया गया। उन्होंने आर्थिक संकट के शिकार परिवारों के लिए आगे भी यह सुविधा जारी रखने की घोषणा करते हुए कहा कि उनका प्रयास है कि धन के अभाव में कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसके लिए पात्र परिवार के बच्चों को स्कूल की ओर से कापी-किताब और यूनिफार्म भी मुफ्त देने का निर्णय लिया गया है। बताते चलें कि जफर कुरैशी की शिक्षा-दीक्षा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से हुई है। वहीं देश के जाने-माने इतिहासकार शिक्षाविद् प्रो. इरफान हबीब ने मोहम्मद जफर कुरैशी से वादा लिया था कि जफर कुरैशी शिक्षा को व्यापार नहीं, समाजसेवा का जरिया बनाएंगे।
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