अहमदाबाद सीरियल बम बलास्ट का 13 साल बाद आया फैसला ,38 को फांसी की सजा 11 को उम्र कैद
2008 में हिजबुल- सिमी द्वारा किये गये एक साथ कई बम धमाके, 56 लोगों की हुई थी मौत 200 से ज्यादा हुए घायल
अहमदाबाद,एंजेसी । अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल बम धमाकों में शुक्रवार को विशेष अदालत ने दोषियों को सजा सुना दी। धमाकों के लिए जिम्मेदार 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, वहीं 11 को उम्रकैद की सजा तय की गई है। 28 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया। हिजबुल मुजाहिदीन और सिमी ने मिलकर इन बम धमाकों को अंजाम दिया था ।जिसमें 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। देश के इतिहास में यह अभी तक की सबसे बड़ी फांसी की सजा मानी जा रही है।
शुक्रवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश एआर पटेल ने गुजरात के सबसे बड़े शहर में हुए 21 सीरियल बम ब्लॉस्ट मामले में ये फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई को अंजाम तक पहुंचने के लिए 13 साल लग गए। जिन दोषियों को सजा सुनाई गई। उनमें सिमी का कुख्यात सफदर नागौरी और जावेद अहमद व अतिकुर्रहमान भी शामिल हैं। इस मामले में 77 अभियुक्तों के खिलाफ सुनवाई पिछले साल सितंबर में पूरी कर ली थी। विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने बताया था कि अदालत ने 49 अभियुक्तों को आतंकवादी गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधि निषेध अधिनियम की धारा-16 व अन्य प्रावधानों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा-302 हत्या, धारा-120बी आपराधिक साजिश के तहत दोषी करार दिया गया है।
अभियोजन पक्ष ने 547 पेज की चार्जशीट दायर की थी। दोष साबित करने के लिए 1163 गवाहों को पेश किया गया गया ।28 अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया है। इस बाबत अभियोजन अपील में जाएगा या नहीं, इसको लेकर पटेल ने बताया कि फैसले को विस्तार से पढ़ने के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा। इससे पहले मंगलवार को अदालत की कार्यवाही के दौरान अभियुक्तों को विभिन्न जेलों से से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश किया गया था आज भी सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ही हुई।

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