डिबाई : बुधवार को दृष्टि रूरल डवलप्मेंट ऑॅर्गेनाईजेशन के तत्वाधान में राधा माधव  काम्पलेक्स में कौमी कॉसिल बराऐ फरोगे उर्दू जबान नई दिल्ली के सहयोग से एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार रत्न सिंह की उर्दू फिक्शन निगारी विषय पर आयोजित किया गया।

सेमिनार की शुरूआत डा. शकिर इस्लाही ने नोत रसूल पाक से की तदोपरान्त डा. एम.ए. मारूफ उर्दू विभागाध्यक्ष जे. एल.पी.जी. कालेज हसनपुर अमरोहा ने अपने कलीदी खुत्बे में रत्न सिंह की उर्दू फिकशन निगारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रत्न सिंह उर्दू अदब के अनमोल रत्न थे जिन्होने भारत की मिट्टी की सुगन्ध को अपनी कहानियों के रंग में ढाल दिया। प्रोफेसर शफीक बरकाती ने अपने शोध पत्र में रत्न सिंह को हिन्दू-मुस्लिम सिख ईसाई के मध्य भाईचारों के प्रतीक बताते हुए उन्हे श्रेष्ठ कहानीकार वरिष्ठ कवि एवं सत्यवादी आत्म कथा लेखक बताया।

कश्मीर सेन्ट्रल विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के असिस्टेन्ट प्रोफेसर डा. राशिद अजीज ने कहा कि रत्न सिंह ने सियालकोट में जन्म लिया मगर लखनऊ की तहजीब और संस्कृति से अपने अफसानों को भारतीयता के रंग में ढाला । उन्होंने भारत के गावों का जीवन चित्रण अपनी कहानियों में प्रस्तुत किया।

मुरादाबाद मुस्लिम डिग्री कॉलेज के उर्दू विभागाध्यक्ष डा. शाकिर इस्लाहि ने कहा कि रत्न सिंह  ने भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय जो कुछ अपनी आंखों से देखा उसे कहानियों में इस प्रकार व्यक्त किया कि आज भी हमारी आंखों के सामने इसका सजीव चित्रण उभर आाता है। आजाद गर्ल्स डिग्री कॉलेज सम्भल के प्रबन्धक डा. शहजाद अदमद ने अपने शाध पत्र में रत्न सिंह की कहानियों पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान परिपेक्ष्य में उनके महत्व को बताते हुए कहा कि रत्न सिंह  की कहानियां उनकी शायरी उनकी आत्म कथा आज के माहौल में परिवर्तन लाने में सहायक हो सकती है। 

एम.जी.एफ.पी.जी. कॉलेज सम्भल में पूर्व प्राचार्य एवं उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. आबिद हुसैन हैदरी ने कहा कि रत्न सिंह  के अफसानों में लखनऊ की तहजीब की झलकियां मिलती हैं। जिसमें प्रेम, सदभावना एवं वन्धुता के दर्शन होते है। 

इस अवसर पर उर्दू साहित्य सेवा के लिये प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी शम्सुर्रहमान फारूकी अदबी अवॉर्ड प्रोफेसर राशिद अजीज को प्रोफेसर कमर रईस आजादी अवार्ड  डा. सहजाद अहमद मौलाना अबुल कलाम आजाद आदबी आवॉर्ड डा. एम.ए. मारूफ को आजाद अल्ताफ हुसैन हाली, अवॉर्ड प्रो. शुफिकुरूर्रहान शफीक बरकाती को शहंशाहे कलम एवं डा. शाकिर हुसैन इस्लाही को मुस्बिर सब्ज वारी आवॉर्ड से सम्मानित किया। सेमिनार में दिनेश कुमार  अतुल शर्मा  सत्यवीर सिंह शाहब सिंह भूपेन्द्र कुमार  देवेन्द्र कुमार  शैलेन्द्र कुमार कु. निशा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. आबिद हुसैन हैदरी ने तथा संचालक सिरसी सादात पी.जी. कॉलेज सिरसा के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. शफीकुर्रहमान शफीक बरकाती ने किया अन्त में कार्यक्रम संयोजक संदीप शर्मा ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया।

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