वह आदमी बेरहमी से
पीट रहा है उस औरत को
पीटा करे उसका मामला
मुझको क्या ? वह बच्चा
कर रहा है चोरी निकलेगा
खतरनाक डाकू आगे चलकर,
तो मरेगा कुत्ते की मौत
मुझको क्या? किसी मासूम की
इज्जत, रौंदी जा रही है


उसकी चीखों को पहचान रहा हूँ
मेरी बहन नहीं है मुझको क्या?
कातिल पकड़ा जा सकता है,
जो चाहूँ, पर नहीं खतरा है इसमें,
वैसे भी वह अभागा,
कोई मेरा नहीं था मुझको क्या?
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- प्रतिभा कुमारी
वरिष्ठ कवियत्री व शिक्षिका
त्रिवेणीगंज, सुपौल (बिहार)।

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