- संजीव ठाकुर
कुछ समय पहले तक अमेरिका की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बादशाहत मानी जाती थी, अब चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में बहुत तेजी से काम किया है । वह अक्साई चीन में भारत की सीमा पर कंपा देने वाली ठंड और कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्र में मुकाबला करने के लिए रोबोट का सहारा ले रहा है। चीन की एजेंसियों के अनुसार चीन अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए मशीन का सहारा लेकर बॉर्डर पर लड़ाई लड़ने वाला है। अमेरिका इस रोबोट के ट्रायल स्तर पर ही पहुंच पाया है । चीन उससे दो कदम आगे चलकर रोबोट को सीमा पर पहुंचा रहा है। सारी मशीनों को एलओसी पर तैनात किया गया है, जहां पर भारत और चीन के 50-50 हजार सैनिक तैनात किए जा चुके हैं।


चीन ने वायरलेस तरीके से चलने वाला हल्की मशीन गन से लैस मूल 200 को तैनात किया है जो मानव रहित सप्लाई वाहन है इसमें हथियार भी ले जाया जा सकता है । चीन ने लगभग 200 मूले को तिब्बत में भेजा गया है। यह सब मशीनें मानवरहित है और ठंड तथा ऑक्सीजन रहित क्षेत्रों में बखूबी सैनिकों की तरह काम करते हैं को तैनात कर के रखा है। शी जिनपिंग अपनी तीसरी पारी की शुरुआत के साथ भारत आधीन अरुणाचल प्रदेश की सीमा में अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहा है सीमा के अंदर कुछ क्षेत्र में घुस भी आया है। दूसरी तरफ चीन अभी बिजली संकट से गुजर रहा है और उसका 50 प्रतिशत उत्पादन बिजली की कमी से ठप पड़ गया हैl
वर्तमान परिस्थितियों में इधर एल.ए.सी में अरुणाचल प्रदेश तथा लद्दाख की सीमा में उसके सैनिक अपने कमांडरों का कहना या तो नहीं मानते या सोची समझी साजिश के तहत लगातार सीमा पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे हैंl चीन के सैनिकों ने पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश में अतिक्रमण करने की कोशिश की भारत के जांबाज जवानों ने चीन की नापाक कोशिश को नाकाम करते हुए उन्हें खदेड़ दिया था। यह अतिक्रमण की घटना गुमला क्षेत्र में हुई है।
 भारतीय सेना के सैनिकों ने चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया लगभग 200 सैनिकों को रोक भी दिया था पर कमांडर की बातचीत करके उन्हें छोड़ दिया गया। एक तरफ शांति बहाली के लिए कमांडर स्तर पर लगातार वार्ताएं चल रही है और दूसरी तरफ चीनी सैनिक अरुणाचल तथा लद्दाख क्षेत्र में लगातार घुसने की कोशिश कर रहे हैं। यह तो तय है कि भारतीय सेना मुस्तैदी से जुटी हुई है और चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रही है।  विशेषज्ञों के अनुसार यदि ऐसा नहीं हुआ तो चीन अपने दूसरे एक्शन प्लान के अनुसार चीन, पाकिस्तान तथा तालिबान को कश्मीर पर हमला करने को प्रेरित करेगा। चीन अपने नए शागिर्द तालिबान और जड़ खरीद गुलाम पाकिस्तान को मोहरा बनाकर जम्मू और कश्मीर में हमला करने को उत्प्रेरित करेगा। इसी समय ड्रैगन अरुणाचल पर हमला कर उस पर कब्जा करना चाहेगा। ड्रैगन का मानना है कि भारत एक साथ दो मोर्चे पर युद्ध नहीं कर सकता है। परिणाम स्वरूप चीन के अनुसार भारत जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को खोने की स्थिति में होगा और ड्रैगन इस मंसूबे को 2025 तक पूरा करना चाहेगा। इसके विपरीत सच्चाई यह है कि वेबसाइट पर चीन की यह साजिश पूरी दुनिया के देशों ने देख और पढ़ कर, उसके इस खतरनाक मंसूबे की खुलकर आलोचना की है।
वेबसाइट की सूचना के अनुसार ड्रैगन 2025 तक ताइवान पर भी कब्जा कर लेना चाहता है। इसके बाद मंगोलिया पर हमला करके चीन इनर मंगोलिया का हिस्सा बना देगा। मंगोलिया पर कब्जा करने के बाद रूस पर भी हमला कर रूस के नियंत्रण वाले चीनी क्षेत्र को चीन में मिलाना चाहेगाl वह यह सपने देख रहा है कि चीन की सेना रूस तथा जापान की सेनाओं को हराने में सक्षम होगी।
चीन के साथ सबसे मुश्किल बात यह है कि उसकी कोई अंदरूनी योजना तथा खबर वैश्विक मीडिया पर खुलकर नहीं आ पाती और ना ही उसकी किसी भी साजिशों से भरी हुई रूपरेखा भी दूसरे देश के खुफिया तंत्र पता नहीं लगा सकते हैं। ऐसे में चीन गुप्त रूप से अपने पड़ोसियों की सीमाओं को धीरे-धीरे कब्जा करने में कई बार सफल भी रहा है।
इन परिस्थितियों में जब तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है एवं पाकिस्तान की सरकार उसे कामकाज तथा प्रशासन चलाना सिखा रही है। और चीन तालिबान को आर्थिक मदद दे रहा है, इन तीनों की युति भारत के साथ-साथ रूस तथा अन्य एशियाई देशों के लिए एक बहुत बड़ा खतरे का संकेत है। यह विदित भी है कि भारत लगातार मित्र देशों के संपर्क में है। तालिबान के प्रति अपने रुख के पत्ते नहीं खोल कर सामने नहीं ला पाया है। ऐसे में इन तीनों के त्रिगुट के सामने मित्र देश क्या नई नीति निर्मित करते हैं। यह तो भविष्य ही बताएगा, पर भारत को विशेष सतर्कता की वर्तमान में आवश्यकता होगी।
- चिंतक-लेखक, रायपुर (छत्तीसगढ़)

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