भाजपा ने चार पुराने प्रत्याशियों पर खेला दांव
तीन पर किया बदलाव ,10 मार्च को खुलेंग पत्ते
न्यूज प्रहरी मेरठ से संजय वर्मा की रिपोर्ट
मेरठ। भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ की सातों विधानसभा सीटों में इसबार तीन सीटों सिवालखास, मेरठ कैंट व ाशहर सीट में बदलाव करते हुए दांव खेला है।जबकि चार सीटों पर पुराने प्रत्याशियों पर भरोंसा जताया है। अब देखना यह है कि आगामी 10 फरवरी को ये सभी प्रत्याशियों मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में सफल हो पाते है। असली पता तो 10 मार्च को ही चल पाएगा ।
गुरू के स्थान पर अब चेला अब अजमाएगा भाग्य
2017 के विधान सभा चुनाव में सपा से रफीक अंसारी के सामने पूर्व विधायक डा लक्ष्मी कांत वाजपेयी सामने थे। लेकिन शहर सीट से उन्हें हार का सामना करना पडा था। अब अगले माह 10 फरवरी को होने वाले मतदान में उनकी चेला सपा के रफीक अंसारी के सामने होगा। भाजपा द्वारा शहर सीट से प्रत्याशी बनाए गये कमल दत्त शर्मा तेज तर्रार नेता माने जाते है। कई व्यापारिक संगठनों के साथ वह भाजपा के पुराने नेता है। पार्टी में उनकी छवि काफी अच्छी है। उनके क्यास एक माह पहले ही लगाये जा रहे थे। उनकी पूरा फिडबैक लिया जा रहा था। जिस पर उनकी पकड को देखते हुए भाजपा ने टिकट दिया है। अब देखने वाली बात यह है। अपने गुरू की हार का बदला वह कैसे चुकाएगे।
अमित की सीट अब उन्हीं को वापस
कैंट सीट से विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने पूर्व विधायक अमित अग्रवाल से सीट ली थी। उम्र का तकाजा होने के कारण उन्होंने यह सीट अमित अग्रवाल को वापस कर दी है। पूर्व विधायक अमित अग्रवाल की शहर मेंं अच्छी खासी पकड है। अब देखना यह है। वह इस बार कैसे भुना पाते है।
पुराना अनुभव काम आएगा
सिवाल खास सीट पर इस बार जितेन्द्र सतवाई का टिकट काट कर जिला सहकारी बैक के चेयरमैन मनिन्द्रर पाल सिंह को दिया गया है। यह भाजपा को कमजोर दिखाई दे रही थी। जिसके कारण इसमे बदलाव किया गया। मनिन्द्रर पाल सिंह बसपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके है। बाद में उन्होने भाजपा ज्वांइन कर ली। उसके बाद वह जिला सहकारी चैयर मैन के पद पर विराजमान है। उनकी राजनीतिक पकड काफी मजबूत है। जिसके कारण पार्टी ने उन पर दांव खेला है।
कटते कटते बचा टिकट
मेरठ दक्षिण से इस बार मेरठ दक्षिण से सोमेन्द्र तोमर का टिकट करने की आसार दिखाई दे रहे थे। लेकिन भाजपा में पार्टी छोडकर अन्य दलों में मची भागदौड से बचने के लिये पार्टी ने उन पर फिर से दांव खेला है। अब देखना यह है कि वह पार्टी के भरोसे पर कितना उतरते है।
विरोध के बाद पार्टी ने जताया भरोसा
हस्तिनापुर सुरक्षित सीट व सरधना सीट पर पार्टी में काफी मंथन करना पडा पहले देानो ही सीटों के टिकट काटने की कवायद चल रही थी अंत में सरधना से संगीत सोम व हस्तिनापुर दिनेश खटीक के टिकट पर मोहर लगी।
फिर भिेडेगे शाहिद मंजूर से
किठौर सीट से भाजपा के सत्यवीर त्यागी अपना टिकट साफ छवि के कारण बचाने मे ंसफल रहे है। अब वह आगामी 10 फरवरी केा सपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक शाहिद मंजूर के सामने होगे। इस बार मुकाबला कांटे की उम्मीद जतायी जा रही है।
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