कोरोना महामारी की तीसरी लहर के गहराते खतरे के बीच किशोरों का टीकाकरण आज से शुरू हो रहा है। सबसे पहले 15-18 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। इस आयुवर्ग के लिए सिर्फ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वैक्सीन मिक्सिंग से बचने के लिए विशेष इंतजाम करने को कहा है। किशोरों के टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर शनिवार से ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था। पोर्टल के रविवार शाम सात बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक इस आयुवर्ग में छह लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुआ है। टीकाकरण अभियान की दिशा में यह बड़ा कदम है। बारह से अठारह साल के बीच की आबादी छब्बीस करोड़ के आसपास है, जो कुल आबादी के पांचवें हिस्से से थोड़ी ही कम है। फिर, सभी राज्यों में स्कूल-कालेज भी खुल गए हैं। जाहिर है, इस आयु वर्ग के किशोरों को घरों से बाहर तो निकलना पड़ेगा। ऐसे में बिना टीके उन्हें सुरक्षित रख पाना संभव नहीं होगा।
इसलिए किशोरों और बच्चों को जितनी जल्दी टीके लगेंगे, उतना ही हम महामारी से अपने को बचा पाएंगे। साथ ही, हालात की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित बनाने के लिए टीके की सतर्कता खुराक देने का फैसला किया है। चिकित्सकों की सलाह पर यह खुराक साठ साल से ऊपर के उन लोगों को भी दी जाएगी जो पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। टीकाकरण की दिशा में दूसरी बड़ी प्रगति यह है कि भारत के औषधि नियंत्रक ने बारह साल ऊपर के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि टीकाकरण का काम इस साल जनवरी में शुरू हुआ था। टीकों की सीमित उपलब्धता और आवश्यकता को देखते हुए सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और कोरोना से जंग में लगे लोगों को टीका लगाने का काम शुरू हुआ था।
पर अब बड़ी चिंता कोरोना के एक और नए रूप ओमीक्रान के बढ़ते मामलों को लेकर है। जिस रफ्तार से यह विषाणु लोगों को चपेट में ले रहा है, उससे तो लगता है कि अगर हमने जरा भी लापरवाही बरती तो संक्रमितों का आंकड़ा जल्द ही लाखों में पहुंचने में देर नहीं लगने वाली। ऐसे में आबादी के जितने बड़े हिस्से का जल्द से जल्द टीकाकरण होगा, देश उतना ही सुरक्षित होगा। लेकिन एक बड़ा खतरा भी हमारे सामने है, जिसकी हम अनदेखी कर रहे हैं। यह खतरा कोरोनोचित व्यवहार को लेकर है। लोग मास्क नहीं लगा रहे, सुरक्षित दूरी और बार-बार हाथ धोने जैसे जरूरी व्यवहार का पालन नहीं कर रहे। 

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