मुजफ्फरनगर, 10 जनवरी 2022।संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ- शिशु मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से जनपद में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच की गयी। उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती की पहचान कर उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया गया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राजीव निगम ने बताया जनपद के 17 शहरी व ग्रामीण चिकित्सा केन्द्रों पर सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया। गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच पर फोकस रहा। उन्होंने कहा प्रत्येक गर्भवती महत्वपूर्ण एवं सभी को विशेष देखभाल की जरूरत है। इस लिए सभी की प्रसव पूर्व जांच होना आवश्यक है। जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. आभा आत्रेय ने बताया गर्भावस्था व प्रसव के समय होने वाले खतरों से मातृ एवं शिशु को बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांच बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के तहत सोमवार को गर्भवती की स्वास्थ्य जांच की गई। उन्होंने बताया गर्भावस्था में जब जटिलताओं की संभावना अधिक होती है तो, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी (या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था) में रखा जाता है और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। समय रहते इसका पता लगने से गर्भवती को होने वाले जोखिम से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया विभाग का अधिक से अधिक गर्भवती की जांच कराने का प्रयास रहता है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदारी दी गयी है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती को इस दिवस पर केंद्र पर लाकर उनकी जांच जरूर करवाएँ। जिला सलाहकार मातृ स्वास्थ्य जुनैद ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर दूसरी व तीसरी तिमाही की गर्भवती पर फोकस रहा। इसमें उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया गया। उनकी स्थिति के हिसाब से उन्हें उच्च स्वास्थ्य केन्द्र पर रेफर किया गया। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर..... महिलाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया।
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