मेरठ |
वैश्विक रीइंश्योरेंस कंपनियों की भागीदार तीन बड़ी प्राइवेट बीमा कंपनियों ने अपने टर्म प्लान प्रीमियम में 10-30% की बढ़ोतरी की है। इन तीनों कंपनियों की तरह ही वैश्विक रीइंश्योरेंस कंपनियों के साथ साझेदारी रखने वाली बाकी कंपनिया भी जल्द ही टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम दरों में वृद्धि करने की तैयारी में हैं। कोविड-19 महामारी के कारण बीमा कंपनियों और पुनर्बीमा कंपनियों दोनों को काफी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए वैश्विक पुनर्बीमा (रीइंश्योरेंस) कंपनी म्यूनिख रे ने बीते साल सितंबर में अपने बीमा भागीदारों पर इस बढ़ोतरी के लिए जोर दिया था। इसके बाद बीमा कंपनियों की रीइंश्योरेंस कंपनियों के साथ इस वृद्धि दर को लेकर बातचीत भी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक़ आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और बजाज आलियांज लाइफ ने अपने टर्म प्लान प्रीमियम की दरों को 10-30 % तक बढ़ा दिया है।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस द्वारा किए गए टर्म प्लान के प्रीमियम में वृद्धि के बाद अब बाकि कंपनियां भी जल्द ही ऐसा करने जा रही हैं। बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस ने टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम में लगभग 15% की बढ़ोतरी की है, जबकि टाटा एआईजी लाइफ और बिड़ला सनलाइफ इंश्योरेंस के इस वीकेंड तक टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी कर सकते हैं। मैक्स लाइफ द्वारा भी इस महीने के अंत तक ऐसा करने की संभावना है। भारतीय रीइंश्योरेंस कंपनी जीआईसी रे की साझेदार बीमा कंपनी इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस द्वारा भी टर्म प्लान रेट बढ़ाने की खबर है। हालांकि अभी इन कंपनियों ने इस बढ़ोतरी पर कोई टिप्पणी नहीं दी है।

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि भारत में टर्म प्लान रेट लंबे समय से `विश्व के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम है, लेकिन पिछले 2 साल से इस कीमत को कई बार बढ़ाया गया है। कोरोना काल की शुरुआत से टर्म प्लान रेट में कुल 25-30 % तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। जिसके बाद अब की जा रही इस पुनः वृद्धि के बाद यह आंकड़ा 50-60% तक पहुंच जायेगा।  

एक्सपर्ट्स का कहना है कि भुगतान की भरपाई के लिए इस वृद्धि को तब तक बरकरार रखा जा सकता है जब तक कि कोरोना काल ख़त्म नहीं होता। जबकि वैश्विक रीइंश्योरेंस कंपनी ने 50-60% तक बढ़ोतरी की मांग की थी। लेकिन इसके बावजूद बीमा कंपनियों ने इस वृद्धि का पूरा भार उपभोक्ताओं पर न डालते हुए इसे 15-30% तक रखा है और बढ़ोतरी का कुछ हिस्सा खुद भी उठाने का भी फैसला किया।
खबर के अनुसार टर्म प्लान दरों में वृद्धि के आलावा जहां एक तरफ कुछ बीमा कंपनियों ने अंडरराइटिंग स्टैण्डर्ड को बढ़ा दिया है। तो वहीं दूरी तरफ कुछ बीमा कंपनियां अब हायर सेकेंडरी डिग्री धारकों को पॉलिसी उपलब्ध नहीं करा रही हैं। 1 करोड़ का कवर पाने की न्यूनतम आय को भी कई कंपनियों द्वारा बढ़ा दिया गया है।


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