नव नूतन नव वर्ष में, बांटो सबको प्यार ।
जग अपना लगने लगे, खुशियाँ मिले अपार ।।
नए वर्ष में तुम करो, आलासपन का नाश ।
जीवन में संघर्ष कर, छू लोगे आकाश ।।
आते-जाते बरस हैं, अस्थायी संसार ।
नए साल संकल्प लें, बाटेंगे हम प्यार ।।



आया है नव वर्ष अब, नया करो आगाज़ ।
करो परिश्रम इस तरह, दुनिया पर हो राज ।।
देकर यादें जा रहा, वर्ष रहा जो बीत ।
नए साल में छेड़ दो, नव जीवन संगीत ।।
अंत हुआ ऋतू शीत का, आएगा मधुमास ।
नए साल में हर दिशा, फैला है उल्लास ।।
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विरेन्द्र पाल, मुरादाबाद।

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