माहवारी प्रबंधन और स्वच्छता की भी दी गई जानकारी


-          टीबी - कन्या भ्रूण हत्या पर पोस्टर प्रतियोगिता भी कराई गई
-          टीबी के खिलाफ कलंक शमन की शपथ दिलाई गई
 
 
हापुड़, 25 दिसंबर, 2021।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने शुक्रवार को राजकीय इंटर कालेज, सिखेड़ा में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की। किशोर स्वास्थ्य मंच की ओर से इस मौके पर छात्र-छात्राओं को उम्र के साथ होने वाले शारीरिक बदलावों के बारे में जागरूक किया। मंच की ओर से एनीमिया के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इस मौके पर जिला प्रशासन से एआरओ आनंद यादव और डीआईसी मैनेजर मयंक चौधरी भी मौजूद रहे। जिला पीपीएम को‌ऑर्डिनेटर सुशील चौधरी ने इस मौके पर टीबी के लक्षण, निशुल्क जांच और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कालेज के स्टाफ और छात्रों ने टीबी के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रण‌ लिया।

कार्यक्रम में आरबीएसके की दो टीम मौजूद रहीं। पहली टीम में डा. कंचन व डा. नेक सिंह और दूसरी टीम में डा. अंतिका शर्मा व डा. सोहेल शामिल थे। इनके साथ पैरामेडिकल स्टाफ में लैब टेक्नीशियन गुरमीत कौर ने स्कूली बच्चों का हीमोग्लोबिन टेस्ट किया, जबकि अंशु आर्य ने बच्चों की आंखों की जांच की। किशोर स्वास्थ्य मंच की ओर से इस मौके पर उम्र के साथ होने वाले शारीरिक बदलाव, हार्मोन्स में होने वाले परिवर्तन, किशोरियों में खून की कमी से होने वाली बीमारी एनीमिया और पोषण के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। आयरन और विटामिन-सी युक्त आहार लेने से शरीर को जरूरी पोषण मिलता है और एनीमिया की परेशानी नहीं होती। इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, अनाज व दालें, फलियां और सूखे मेवे अपने भोजन में शामिल करने की सलाह किशोरियों को दी गई।
साथ ही माहवारी प्रबंधन और स्वच्छता के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। स्वच्छता में सेनेटरी नेपकिन के महत्व के बारे में भी विस्तार से बताया गया और साथ ही सचेत किया गया कि सेनेटरी नेपकिन के अभाव में यदि कोई कपड़ा इस्तेमाल करना पड़े तो वह साफ होना चाहिए। डा. कंचन ने बताया छह से आठ घंटे के बाद नेपकिन बदलना जरूरी होता है। ऐसा न करने से संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो जाता है। साथ ही सलाह दी गई कि माहवारी से जुड़ी कोई समस्या होने पर अपने घर में बताएं और चिकित्सकीय परामर्श लें। आरबीएसके के तहत निशुल्क परामर्श उपचार का लाभ उठाएं। इस कार्यक्रम में 11वीं और 12वीं के बच्चों को शामिल किया गया था। बच्चों की पोस्टर प्रतियोगिता कराई गई। कन्या भ्रूण हत्या और क्षय रोग पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे बच्चों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

हम यह शपथ लेते हैं कि .

कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान मौजूद स्टाफ और सभी छात्रों ने शपथ ली - “ हम यह शपथ लेते हैं कि क्षय रोग के संबंध में समाज को बताएंगे कि क्षय रोग कोई कलंक या अभिशाप नहीं है, तथा इसका इलाज संभव है। इस कार्य में समर्पित होकर स्वस्थ एवं सुरक्षित समाज के निर्माण में अपना पूर्ण योगदान देंगे।” समाज से क्षय उन्मूलन के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही संभावित क्षय रोगियों को जांच और उपचार के लिए प्रेरित करेंगे। पीपीएम कोऑर्डिनेटर सुशील चौधरी ने इस मौके पर कहा कि टीबी के वायरस की चेन तोड़ने के लिए जन सहभागिता जरूरी है। दो सप्ताह तक खांसी रहने, वजन कम होने, बुखार रहने, भूख न लगने पर टीबी की जांच अवश्य कराएं।

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