मोदीनगर।प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के उपरांत गांव रोरी मे एक पंचायत की गई।पंचायत की अध्यक्षता राणा रामनरायण आर्य ने की व पंचायत का संचालन मनोज चहार ने किया।पंचायत मे किसानों ने अपने अपने विचार रखे।पंचायत मे बाबा परमेन्द्र आर्य ने कहा कृषि कानूनो की वापसी से किसानों मे खुशी की लहर है।लेकिन जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गांरटी कानून नही बनाती है तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।क्योंकि किसानों की फसल बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर बिक्री हो रही है।गेहूं का एमएसपी रेट 1975 रूपये क्विंटल है।जबकि बाजार मे किसानों से गेहूं 1500 रूपये क्विंटल से खरीदा जा रहा है।इसी तरह गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (SAP) 350 रूपये क्विंटल है।लेकिन कोल्हू व खंडसारी और कलेसरो पर गन्ना 250 रूपये क्विंटल की दर से बिक्री होता हैं।जो किसानों के साथ सबसे बडा धोखा है। किसानों से कोई भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम पर खरीद ना कर सके।इस पर कानून बनने से ही किसान का कुछ भला हो सकेगा।यदि इस समय भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का गारंटी कानून नहीं बना तो भविष्य में बनना बहुत कठिन होगा।सरकार द्वारा किसान आंदोलन मे जो किसानों पर मुकदमे दर्ज किये गए है उन्हें भी तत्काल प्रभाव से वापस ले।राणा रामनरायण आर्य ने कहा जबतक किसानों के सभी मुद्दों को एक साथ बैठकर नही सुलझायेगी तबतक आंदोलन चलता रहेगा। कृषि कानूनों की वापसी पर लड्डू बाटकर किसानों ने खुशी मनायी।पंचायत में चौधरी गंगाराम, रणसिंह राणा,गोरव,मनोज मुकदम,रविन्द्र कुकड,नरेन्द्र श्योराण,मिनु राणा,अमरजीत, ओमवीर,राजेन्द्र सिंह राणा, नगेन्द्र सिंह,ज्ञानेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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