नई दिल्ली (एजेंसी)। तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के एलान के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे किसानों के बलिदान की जीत बताया। सोनिया ने कहा कि 700 से अधिक किसान परिवारों, जिनके सदस्यों ने न्याय के लिए इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी, आज उनका बलिदान रंग लाया है। आज सत्य, न्याय और अहिंसा की जीत हुई है। कांग्रेस कल यानी 20 नवंबर को देशभर में 'किसान विजय दिवस' मनाएगी।



चुनाव पास आए तो लिया फैसलाः शरद पवार
मुंबई (एजेंसी)। एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि केंद्र ने यह कदम केवल चुनावों के पास आने की वजह से किया है। उन्होंने कहा कि अब जब उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनाव नजदीक आ रहे हैं और हरियाणा व पंजाब में लोग भाजपा का विरोध कर रहे हैं तब उन्होंने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।

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यह अहंकार की हार और किसानों की जीतः अखिलेश यादव
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि यह अहंकार की हार है और किसानों की जीत है। लेकिन जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी इन्हें साफ कर देगी। क्योंकि भाजपा को किसानों की नहीं वोटों की फिक्र है और यह निर्णय भी चुनाव के मद्देनजर लिया गया है। अखिलेश प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। अखिलेश ने कहा कि इन काले कानूनों को इसलिए वापस करना पड़ा क्योंकि सरकार डर गई है।

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रंग लाया किसानों का बलिदानः मायावती
लखनऊ। कृषि कानूनों की वापसी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि किसानों का बलिदान आखिरकार रंग लाया है। उन्होंने कहा कि सर्दी, गर्मी में बरसात की मार झेलते हुए आंदोलन पर डटे किसानों की यह जीत हुई है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने उन विवादित कानूनों को अति देर से वापस लेने की घोषणा की जबकि यही फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था।

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