मार्च तक देश के 40 प्रांतों में होगा संस्कृत भारती का सम्मेलन

संस्कृत भारती के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ समापन

मेरठ। आगामी 3 वर्षों में देश के हर तहसील तक पहुंचेगी संस्कृत भारती लोगों को संस्कृत सिखाने के लिए मार्च तक 40 प्रांतों में किया जाएगा संस्कृत भारती का सम्मेलन संस्कृत एक ज्ञान की भाषा है लिहाजा संस्कृत भारती के प्रचार प्रसार के लिए अधिक से अधिक लोगों को संस्कृत सिखाने का काम किया जाएगा। यह बात चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षा गृह में संस्कृत भारती के तीन दिवस राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन के अवसर पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश कामत ने कही। 



अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी प्राचीन भाषा है संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी संस्कृत भाषा को महत्व दिया गया है इसीलिए हमें अपनी भाषा हिंदी के अलावा संस्कृत को भी सीखना चाहिए संस्कृत ज्ञान की भाषा है हमारे जितने भी धार्मिक साहित्य हैं वह भी सभी संस्कृत भाषा में ही लिखे हुए हैं। 

राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन से पहले रविवार को श्रेणी वार बैठ गए की गई इसमें व्यापारी शिक्षक छात्र सरकारी कर्मचारी किसान आदि लोगों तक कैसे संस्कृत भारती का काम पहुंचाया जाए कैसे लोगों को संस्कृत सिखाई जाए संस्कृत के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाया जाए ऐसी सभी बातों चर्चा की गई। 

40 प्रांतों से आए लोग

संस्कृत भारती के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के 40 प्रांतों से लोग आए इसमें कश्मीर केरल मध्य प्रदेश अरुणाचल प्रदेश मणिपुर उत्तर प्रदेश उत्तरांचल हिमाचल पंजाब हरियाणा राजस्थान तमिल नाडु कर्नाटक पश्चिम बंगाल गुजरात से 500 से अधिक लोगों ने इससे तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। 

बैठक में अखिल भारतीय संगठन महामंत्री श्रीश देवपुजारी, अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री जयप्रकाश गौतम श्री दत्तात्रेय प्रांतीय अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर वाचस्पति मिश्रा उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के निदेशक आईएएस पवन कुमार प्रांत मंत्री डॉक्टर नरेंद्र पांडे संतोष कुमार भानु डॉक्टर भूपेंद्र कुमार डॉक्टर देवेंद्र उज्जवल अनंत कपिल गगन आकाश आदि का विशेष सहयोग रहा।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts