मुजफ्फरनगर। भारत भर में छोटे व्यापारियों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ओकेक्रेडिट इन व्यापारियों को अपने डिजिटल लेजर ऐप के भीतर ऑनलाइन पेमेंट करने की सुविधा देगा। ओकेक्रेडिट के सह-संस्थापक और सीपीओ गौरव कुंवर के अनुसार अपनी स्थापना के बाद से पिछले 4 वर्षों में ओकेक्रेडिट ने सूक्ष्म और छोटे व्यवसायों द्वारा अपनाए जा रहे बुककीपिंग ऐप्स की नई बाजार श्रेणी बनाने में काफी प्रगति की है अब ऑनलाइन बही खाते के साथ डिजिटल पेमेंट की मदद से व्यापारियों के लिए ओकेक्रेडिट जैसे डिजिटल टूल्स को अपनाना बेहद आकर्षक हो गया है ताकि वे नए डिजिटल युग में अपने व्यवसायों में बदलाव जारी रख सकें।” ओकेक्रेडिट डिजिटल बहीखाता क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है, ये छोटे और मध्यम दुकानदारों को अपना बहीखाता ऑनलाइन रखने की सहूलियत प्रदान करती है, जिससे इन दुकानदारों के लिए उधार पर सामान बेचना और खरीदना आसान हो जाता है। ओकेक्रेडिट ऐप में ऑनलाइन पेमेंट के साथ व्यापारी अब न केवल अपने बकाया उधारी का रिकॉर्ड रख सकते हैं बल्कि अपने ग्राहकों से डिजिटल रूप से पेमेंट भी प्राप्त कर सकते हैं इसके साथ ही वे अपने सप्लायर्स को उनसे मिले बिना भी पेमेंट कर सकते हैं। ओकेक्रेडिट ऐप के माध्यम से डिजिटल पेमेंट करने वाले व्यापारियों के लिए सबसे बड़ा फायदा खातों का स्वचालित मिलान है स्पष्ट शब्दों में समझा जाए तो व्यापारियों को ऑनलाइन बहीखाते में सुधार के बजाय पेमेंट होने पर खाता खुद ही अपडेट हो जाएगा उदाहरण इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए पुणे के एक मेडिकल स्टोर के मालिक मनीष के वास्तविक जीवन का उदाहरण लेते हैं ओकेक्रेडिट ऐप पर डिजिटल पेमेंट अपनाने के बाद से उनकी बकाया उधारी में उल्लेखनीय कमी आई है मनीष ने फरवरी 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ ओकेक्रेडिट पेमेंट का उपयोग करना शुरू किया जब उनके कर्मचारी उधारी पर सामान लेने वाले मौजूदा ग्राहकों को दवाओं की रोजाना डिलीवरी कर रहे थे। कोविड की वजह से फिजिकली पैसे लेना मुश्किल हो गया था और इस वजह से उन्हें डिजिटल पेमेंट का सहारा लेना पड़ा अपडेट वह ओकेक्रेडिट के माध्यम से ग्राहकों को एक व्यक्तिगत क्यूआर कोड या पेमेंट लिंक साझा करते थे जिसमें यूपीआई नेटबैंकिंग डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि सहित कई पेमेंट विकल्प मौजूद थे ग्राहक को खरीदारी की सारी डिटेल मिल जाती है और फिर वह आसानी से एक क्लिक पर पेमेंट कर देते थे इसके लिए उन्हें एक ऐप से दूसरे ऐप में जाने की जरूरत नहीं होती थी ग्राहकों के पेमेंट करने के बाद राशि, मनीष और ग्राहक दोनों के लेजर (बहीखाते) में तुरंत अपडेट हो जाती है।
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