सरधना से साजिद कुरैशी की रिपोर्ट-
सरधना (मेरठ) रविवार रात को गांव जसड सुल्ताननगर में मुशायरा- कवि सम्मेलन आयाेजित किया गया। जिसमें दूर-दराज से आए हिंदी-उर्दू अदब के दर्जनों कवियों व शायरों ने अपने कलाम पेश कर लोगों से खूब दाद वाह वाही बटोरी। कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथि युवा रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम राजा रहे। जिन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए रालोद को सभी वर्गोें को साथ लेकर चलने वाली पार्टी बताया।
गांव जसड सुल्ताननगर में आयोजित मुशायरा-कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे युवा रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम राजा ने कहा कि भाजपा सरकार में महंगाई चरम पर है, और जनता त्रस्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में कोई भी नया संस्थान नहीं बना। वहीं, शिक्षित युवाओं की बेरोजगार देश में लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कडा रूख अपनाते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार को दिल्ली की सीमाओं पर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे अन्नदाताओं का दुख-दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी ही किसान व मजदूरों के एक मात्र मसीहा हैं, जो रात-दिन किसानों और मजदूरों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जबकि पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस और खाद्य सामग्री की आसमान छूती कीमतों से आम आदमी परेशान है। प्रदेश सरकार ने किसानों व गरीबों से सबसे अधिक बिजली के दाम वसूले हैं। भाजपा की जनविरोधी नीतियों से हर वर्ग त्रस्त आ चुका है। रालोद सभी जाति-धर्म के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। इस अवसर पर सिवाल चेयरपर्सन पति गुलजार चौहान, लतेश बिधूड़ी, हाजी अफजाल प्रधान अशफाक प्रधान, आरिफ पंवार, आदिल पंवार, शकील अहमद, अकबर चौधरी, आस मोहम्मद, सलमान सभासद, आदि उपस्थित रहे। देर रात तक चले मुशायरा- कवि सम्मेलन में हिन्दी-उर्दू अदब के दर्जनों कवियों व शायरों ने अपने कलाम पेश कर लोगों से खूब दाद बटोरी। मुशायरे की शुरूआत अदनान प्रतापगढी ने नात-ए-पाक पेश करके की। उन्होंने कहा कि कलम उठाउं तो मिसरा नबी नबी बोले..पढूं जो नाअत तो दुनिया नबी नबी बोले..। जिस पर लोगों ने उन्हें जमकर दाद दी। वहीं, मां को अजमत बताते हुए अलतमिश मेरठी ने पढ़ा- घड़ी भर को मैं जन्नत की फ़ज़ा में घूम लेता हूँ, अक़ीदत से जब मैं अपनी मां के क़दम चूम लेता हूँ, जिस पर लोग भावुक हो गए। वहीं, आमिर मेरठी ने देश भक्ति से ओतप्राेत रचना सुनाते हुए सबकों मंत्र मुग्ध कर दिया, उन्होंने कहा कि हम अपने देश की फिर से नई पहचान हो जायें, हम हिन्दू ओर मुस्लिम एकता की शान हो जायें, अगर जज़्बा दिलों में रखते हो तुम भी शहादत का, तो आओ भगत, अशफ़ाक़, टीपू की तरह क़ुर्बान हो जायें। वहीं युवा शायर सुफयान प्रताप गढी ने युवाओं को गुदगुदाते हुए पढा कि ये अच्छे दिन तुम्हारे जान ले लेंगे गरीबों की, गुजारिश है अरे साहब पुराने दिन वो लौटा दो, सुनाकर सरकार पर जमकर कटाक्ष किया। वहीं, अली बारांबकी ने महिलाओं के श्रंगार पर तंज कसते हुए कहा अपने शौहर के लिए सिर्फ करो घर में श्रंगार, फातिमा वालियों बाजार में फिरना क्या है। उन्होंने श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।।
No comments:
Post a Comment