लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 71वें संविधान दिवस पर हाईकोर्ट से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट तक सभी जिलों में वकीलों के लिए चैम्बर बनाए जाने और न्यायालय आने वाले वादियों के लिए भी उचित व्यवस्थाएं किए जाने की घोषणा की है।

उन्होंने लोकभवन में अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए आयोजित कार्यक्रम में यह ऐलान किया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाइव जुड़े थे। इस दौरान संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठन भी किया गया।

योगी ने कहा “ ये वर्ष हमारे सभी लोगों के लिए विशेष है क्योंकि एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव और दूसरी तरफ चौरी चौरा का शताब्दी महोत्सव मनाया जा रहा है। ऐसे में संविधान दिवस का आयोजन भी देश के लिए खास महत्व रखता है। संविधान ने हम सभी को समान मताधिकार और अधिकार प्रदान किए हैं। इसलिए हमें संविधान के ग्रंथ को भी अपने घरों मे वैसे ही रखना चाहिये हम जैसे धार्मिक ग्रंथ को रखते हैं, जिससे हर एक भारतीय के मन मे संविधान के प्रति सम्मान जागृत हो सके। सभी के लिए अपने धर्म के साथ राष्ट्र का भी एक धर्म है। ”

उन्होने कहा कि अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए भी हमने कार्य किया। प्रदेश में अधिवक्ता कल्याण निधि को डेढ़ से पांच लाख किया गया। यूपी विधानसभा ने संविधान के मूल्यों पर विशेष सत्र भी आयोजित किये। संविधान की मूल प्रति को देख कर लगता है कि संविधान निर्माता कितना दूरदर्शी रहे होंगे। अगर इसे भारत की आत्मा कहा जाये तो गलत नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने बाबा साहेब की स्मृति में स्मारक की आधारशिला रखी। 26 नवम्बर 2015 को देश मे पहली बार संविधान दिवस पूरे धूमधाम से मनाया गया। भारत के संविधान का संरक्षक भारत की जनता को माना गया। आजादी के समय कुछ लोग ऐसे भी थे जो अंग्रेजों के पिट्ठू बनकर भारत को एक नहीं रखना चाहते थे। ऐसे समय एक बड़ा तबका भारत को एक भारत के रूप में रखने का काम कर रहा था।

उन्होंने कहा कि भारत का वर्तमान स्वरूप बनाना बड़ा कठिन कार्य रहा होगा। 9 दिसम्बर 1946 को संविधान की बैठक हुई थी। जहां पर बाबा साहब को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया, तब जाकर संविधान अपना रूप लेता है।


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