सरधना से साजिद कुरैशी की रिपोर्ट
सरधना (मेरठ) । विश्व विख्यात संत विजय कौशल जी महाराज ने कथा के पांचवें दिन भगवान और भक्त के संबंधों की बड़ी मार्मिक कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान भक्त और भक्ति के आधीन होते हैं।

पूज्य महाराज श्री ने एक विलक्षण घटना का वर्णन करते हुए कहा सदन कसाई धर्म से मुसलमान थे, और मांस के व्यवसायी थे। लेकिन भगवत कृपा से भगवान जगन्नाथ की भक्ति में लीन हुए। जिसका प्रताप यह रहा कि भगवान जीवन पर्यन्त सदन कसाई के साथ रहे। एक और-चरित प्रकट करते हुए पूजा महाराज श्री धन्ना जाट के बारे में बताया। जिसको भगवान खेती करते-2 मिल गए, क्योंकि उनकी भक्ति साधु संतों और भगवान के प्रति थी। एक जनाबाई का चरित्र सुनाते हुए पूज्य महाराज श्री ने कहा कि महाराष्ट्र के सुदूर गरीब परिवार में जन्मी एक कन्या ने उपले बेचकर भगवान की भक्ति करके भगवान प्रगट कर लिए।



महाराज श्री ने केवट और भगवान राम के संवाद की गूढ़ता को समझाते बताया कि केवट बिल्कुल भोला है, और भगवान भोले को ही मिलते हैं। 
निर्मल मन जन सो मोहि पावा/ मोहि कपट छल छिद्र न पावा।
     महाराज जी ने भक्ति की महिमा को उद्घाटित करते हुए कहा कि जो भगवान सारे संसार को भवसागर से पार करता है। वो भगवान आज केवट को निहार कर रहा है कि मुझे पार उतार दो। यही भक्ति की शक्ति है। शुक्रवार को प्रसाद वितरण धनपाल जैनी व अरिहंत जैन की ओर से किया गया। मुख्य यजमान विधायक संगीत सोम सपत्नीक सिमरन ठाकुर, संयोजक हेमसागर पंडित, सुशील कुमार, हेमन्त शर्मा, विजय बहादुर, मोहित चौहान, मोंटी सोम, अजय; प्रदीप, रवि, नीरज गुप्ता, शैली, उर्वशी खटीक, पिंकी सोम, इन्द्रा मानव, मा. अतर सिंह, अक्षत त्यागी, रक्षित गर्ग आदि ने सहयोग किया। इस अवसर पर धनपाल जैन, सूर्य देव त्यागी, वीरेंद्र चौधरी, विनोद जैन, मनोज जैन, दीपक शर्मा, चंद्र शेखर सोम, विनोद सोम, आदि मुख्य रूप से शामिल रहे ।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts