आगरा-मेरठ ने मांगा हाईकोर्ट, प्रयागराज हुआ लाल
 वेस्ट यूपी में तेज हुआ वकीलों का आंदोलन

लखनऊ/ मेरठ/ प्रयागराज।उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आगरा और मेरठ के वकीलों ने वहां बेंच बनाने की मांग तेज कर दी है। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना पर विचार किए जाने की बात कहकर उनकी मांग को और तूल दे दिया है। उधर, प्रयागराज के वकीलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। वकील तीन हिस्सों में बंट गए हैं।
त्रिकोणीय विवाद में फंसी है बेंच
वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच के लिए त्रिकोणीय आंदोलन चल रहा है। इलाहाबाद के अधिवक्ता नहीं चाहते कि वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच स्थापित की जाए। अधिवक्ता 'वन स्टेट वन कोर्ट' का तर्क देते हैं। अधिवक्ता कहते हैं कि वेस्ट यूपी में बेंच की स्थापना के बजाय सरकार हाईकोर्ट में तमाम खाली पड़े पदों को भरे। इससे न्याय में तेजी आएगी। उधर वेस्ट यूपी में अंदरखाने आंदोलन ब्रज और पश्चिम दो भागों में बंट चुका है। मेरठ के वकील मेरठ में आगरा के अधिवक्ता आगरा में बेंच चाहते हैं।
1956 से आगरा में उठ रही बेंच की मांग
मेरठ सहित आगरा में 1956 से हाईकोर्ट बेंच की मांग उठ रही थी। नेशनल कान्फ्रेंस लॉयर्स ने खंडपीठ स्थापना की मांग उठाई थी। इंदिरा गांधी सरकार में 1981 को जसवंत आयोग का गठन किया गया। आयोग ने 1985 में अपनी संस्तुति आगरा के पक्ष में देते हुए रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी थी।
वेस्ट यूपी में हुए बड़े आंदोलन
वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट बेंच स्थापित कराने के लिए वकील लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। 1978 में वकीलों ने एक महीने की हड़ताल कर मांग को जोरों से उठाया गया। 1981, 1982 में भी बेंच के लिए आंदोलन गरमाया। 1986-87 में वकीलों ने ऋषिकेश से दिल्ली तक पद यात्रा निकाली। साल 2001, 2014, 2015, 2017 और अब 2021 में भी हाई कोर्ट बेंच की मांग जारी है।
22 जिलों की बड़ी आबादी को सस्ता न्याय
वेस्ट यूपी के 22 जिलों से पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से हाईकोर्ट बेंच की मांग उठ रही है। मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, हापुड़, अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित तमाम जिलों की बड़ी आबादी को पश्चिमी यूपी में बेंच आने से न्याय पाने में सुविधा होगी।

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