एकतरफा मुकाबले में न्यूजीलैंड को दी मात
दुबई मिचेल मार्श (नॉट आउट 77) और डेविड वॉर्नर (53) की मैच विनिंग पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में न्यूजीलैंड को एकतरफा मुकाबले में आठ विकेट से हराकर पहली बार आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने नाम कर ली। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए न्यूजीलैंड को चार विकेट पर 172 रन पर रोक दिया और 18.5 ओवर में दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहली बार आईसीसी टी20 विश्व कप जीती है। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल मार्श ने 50 गेंदों पर छह चौके और चार छक्के लगाए। वॉर्नर ने 38 गेंदों पर चार चौके और तीन छक्के और तीन छक्के लगाए। 

इससे पहले, कप्तान केन विलियमसन की 48 गेंद में 85 रन की पारी की मदद से न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को टी20 विश्व कप के फाइनल में चार विकेट पर 172 रन बना। पहले बल्लेबाजी के लिये भेजी गई न्यूजीलैंड टीम पहले दस ओवर में रन बनाने के लिये जूझती नजर आई। मार्टिन गुप्टिल ने 35 गेंद में 28 रन बनाए। इसके बाद विलियमसन ने 48 गेंद में 10 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 85 रन बनाकर पारी का नक्शा बदल दिया। न्यूजीलैंड ने आखिरी दस ओवरों में 115 रन बनाकर फाइनल मुकाबले को रोमांचक बनाने की नींव रख दी।




अक्सर अपनी टीम के संकटमोचक साबित होने वाले विलियमसन ने बेहद खूबसूरती से बल्लेबाजी करते हुए पहली 16 गेंद में 15 रन बनाए। उस समय एडम जाम्पा किफायती गेंदबाजी कर रहे थे और गुप्टिल फॉर्म में नहीं थे। एक बार लय पकड़ने के बाद विलियमसन ने खुलकर खेला और अगली 32 गेंद में 70 रन बनाए। विलियमसन टी20 विश्व कप फाइनल में सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले कप्तान बन गए जिन्होंने श्रीलंका के कुमार संगकारा को पछाड़ा। उन्होंने 11वें ओवर में मिशेल स्टार्क को 19 रन जड़कर दबाव कम किया। इसी ओवर में जोश हेजलवुड ने उनका कैच भी छोड़ा । स्टार्क आज काफी महंगे साबित हुए जिन्होंने चार ओवर में 60 रन दिय। 
स्टार्क का दूसरा ओवर जहां खराब रहा तो तीसरा ओवर और भी बदतर था जिसमें न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने चार चौकों और एक छक्के के साथ 24 रन ले डाले। दूसरी ओर हेजलवुड ने चार ओवर में 16 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि जाम्पा ने चार ओवर में 24 रन देकर एक विकेट चटकाया। न्यूजीलैंड की पारी कप्तान विलियमसन के नाम रही जिन्होंने साबित कर दिया कि उन्हें आधुनिक क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में क्यो शुमार किया जाता है। हर प्रारूप में तकनीकी कौशल के साथ संयम बनाये रखकर खेलना उनकी खूबी है और सबसे बड़ी बात यह है कि जरूरत के समय वह हमेशा फॉर्म में होते हैं।

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