Sonam sani
गाजियाबाद, फरीदनगर। देश भर में आज दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है. पौराणिक कथा के अनुसार दशहरा  के दिन भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी. भारत अपनी शानदार सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए हर साल इस त्योहार को बड़े ही धूम धाम से मनाता आया है. इसे दशहरा या विजयदशमी के नाम से जाना जाता है. यह त्यौहार पूरे देश में पारंपरिक उत्साह, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है.
विजयादशमी नाम की जड़ें संस्कृत भाषा में पाई जाती हैं, जहां “विजय-दशमी” का अर्थ है दशमी के दिन जीत. यह ध्यान देने योग्य है कि देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से दशहरा उत्सव मनाया जाता है. माना जाता है कि मां दुर्गा  ने महिषासुर का वध करके दशहरे के दिन की जीत हासिल की थी. इसलिए विजयदशमी पर्व को शक्ति, स्वास्थ्य और शौर्य का पर्व भी कहा जाता है।



कस्बा फरीदनगर में रावण दहन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मनाया गया। जहां पर दशहरे से 1 दिन पहले ही रामलीला मैदान में रावण दहन करने का निर्णय लिया गया। आज सभी रीति-रिवाजों के साथ कस्बा फरीदनगर के रामलीला मैदान में रावण दहन का आयोजन किया गया। जहां सारी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए राम और रावण की सेना के बीच घंटों युद्ध चला।
फरीदनगर स्थित ईशाकनगर मार्ग रामलीला प्रांगण में रामलीला के दौरान दिखाया गया कि रावण अपने भाई कुंभकरण को युद्ध के मैदान में भेजने के लिए उसको जगाता है। कुंभकरण जागने के पश्चात रावण को भगवान श्रीराम की शरण में जाने की सलाह देता है। रावण अभिमान में चूर होने के कारण कुंभकरण की सलाह को ठुकरा देता है। कुंभकरण और भगवान राम का युद्ध होता है। कुंभकरण भगवान राम के हाथों मारा जाता है। मेघनाद युद्ध में जाने की तैयारी करता है। 
विभीषण भगवान राम को बताते हैं कि यदि मेघनाद अपने कुलदेवी के यज्ञ करने में सफल हो गया तो फिर वह अजय हो जाएगा। यज्ञ भंग करना जरूरी है। लक्ष्मण और वानर सेना यज्ञ भंग कर देती है। लक्ष्मण के हाथों मेघनाद वीरगति को प्राप्त होता है। अहिरावण भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण करके पाताल लोक में ले जाता है। हनुमान जी पाताल लोक पहुंचकर भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त कराते हैं। अहिरावण का वध किया जाता है। जिसके बाद रात में रावण के पुतले का दहन किया गया। 
इस दौरान कार्यकारिणी सदस्य सोनू सैनी, मनोज सैनी, निखिल चौपड़ा, गोविंदराम शर्मा, संजय बाल्मीकि, किरण पाल तोमर, धीरज शर्मा,डॉ ओमपाल, कलाकार, विरेन्द्र शर्मा , निशान्त शर्मा ( राहुल ) , उमेश तोमर , अजीत प्रजापति , रवि सिंघल , विनीत कंसल , राकेश सैनी , अमर राठौर , रोहन कंसल , जॉनी प्रणात सोनू प्रजापति संरक्षक : रामकिशोर अग्रवाल ( भारत ऑयल मिल ) , वेदप्रकाश गोयल  मुकेश, ललित कमार गर्ग ( पर्व चेयरमैन ) , राजकुमार सैनी ( पूर्व चेयरमैन ) धर्माल फौजी आदि मौजूद रहे।
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