मेरठ। रविवार और सोमवार को हुई तेज बारिश के चलते मेरठ, हापुड और गढ़ मंडी में रखा धान भीगकर खराब हो गया है। भीगे हुए धान की कीमत करोडों में बताई जा रही है। वहीं खेतों में पानी भरने से खेत में कटी रखी धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं  किसानों को अब आलू की बुवाई देर से  होने की चिंता सताने लगी हैं। खेतों में जलभराव के कारण गन्ना की छोलाई में भी अब कुछ और दिन लग सकते हैं। 



बता दें कि मेरठ ,बुंलदशहर और हापुड में बड़े पैमाने पर धान की खेती होती है। किसान अपना धान मेरठ,हापुड और गढ की मंडी में जाकर बेचता है। जिले का किसान अपना आधे से अधिक धान मंडी में बेच चुका है। हापुड़ और गढ़ मंडी से निजी आढ़ती धान की खरीद करते हैं। बताया जाता है कि रविवार को धान की बिक्री करने किसान मंडी पहुंचे, आढ़तियों ने बारिश शुरू होने से पहले ही धान नीचे उतरवाकर तुलाई शुरू कर दी। लेकिन कुछ ही देर में तेज बारिश और और जमीन पर रखा धान भीगना शुरू हो गया। अभी तक भी धान बारिश में भीग रहा है। उसके सुरक्षित रखवाने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। भीगे हुए धान की कीमत करीब करोड़ों रुपये में बताई जा रही है। इसके अलावा कई गांवों में खेतों में पानी भरने से खेत में कटी पड़ी धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

कृषि विभाग के अनुसार खेतों में इन दिनों किसानों ने दलहन की फसल लगाई है। जिसमें मूंग और उड़द शामिल हैं। फसल पर फली बन रही है, बारिश इसके खराब होने का खतरा बन गया है। अभी दो दिन और बारिश के आसार हैं। इससे फसल और खराब हो सकती है। वहीं दूसरी ओर बारिश के साथ हवा से गन्ने की फसल भी गिर गई है। बारिश के साथ चल रही तेज हवा से खेतों में खड़ी गन्ने की फसल गिर गई। गन्ने की फसल गिरने से उत्पादन पर काफी प्रभाव पडऩे की आशंका है। जिससे किसान परेशान हैं।

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