राज्य कर्मचारी घोषित करने की की गई मांग

 सरधना से साजिद कुरैशी की रिपोर्ट

सरधना (मेरठ) शुक्रवार को आशा कार्यकत्रियों ने रोहटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मानदेय की मांग व कोरोना काल का भुगतान नही होने को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान आशा कार्यकत्रियों ने मुख्यमंत्री के नाम 4 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा। 

 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोहटा पर क्षेत्र की आशा  कार्यकत्रियों ने कोरोना काल में किए गए वैक्सीनेशन का भुगतान नहीं देने और मानदेय बढ़ाने आदि मांगों को लेकर घंटो तक धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान आशा कार्यकत्रियों का कहना था कि कोरोना काल में उन्हें वैक्सीनेशन का भुगतान नहीं दिया गया ₹2000 महीना मिलने वाले मानदेय में वह परिवार का गुजारा नहीं कर पा रही हैं। जबकि उनकी मेहनत और कार्य से देश में कई बीमारियों का खात्मा हुआ है। आशा कार्यकत्रियों का कहना था कि 24 घंटे आशा कार्यकत्री अपने कार्य के प्रति समर्पित है। लेकिन फिर भी उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है और ना ही उनकी कोई सुरक्षा की जा रही है। इस दौरान आशा कार्यकत्रियों ने 4 सूत्रीय मांगपत्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ.अमर सिंह को सौंपते हुए मांग रखी कि आशा कार्यकत्रियों को उचित वेतन दिया जाए. सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए कार्य क्षेत्र में आशा की पूर्ण सुरक्षा की जिम्मेदारी ली जाए. मृत्यु के उपरांत ₹50लाख का मुआवजा दिया जाए ।प्रत्येक आशा संगिनी उसके परिवार के सदस्यों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाए।इस मौके पर मांग पत्र सौंपते हुए आशा कार्यकत्रियों ने सरकार से निम्न मांगे रखी। इस मौके पर मुख्य रूप से आशा कार्यकत्रियों में ममता रेखा,रीन,कुसुम,स्नेहलता, अनीता,माया,कमलेश,वाला मिथलेश,सुनीता,बबीता मोमिना आदि रही।


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