डा. मीनाक्षी अग्रवाल 

 स्त्री सौन्दर्य में स्तनों का बहुत बड़ा महत्व होता है। अगर यूं कहा जाए कि उन्नत वक्ष स्त्रियों की स्मार्टनेस में चार.चांद लगा देते हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। चेहरे से सुन्दर दिखने वाली नारी भी उन्नत स्तनों के अभाव में प्राय: सुंदर नहीं कही जा सकती। जितने भी कवि या शायरों ने नायिका के प्रति अपनी कविता या शायरी का निर्माण किया है उसमें स्तनों का वर्णन अवश्य ही किया है।

स्तन स्त्रियों के आभूषण होते हैं। उन्नत स्तनों वाली महिलाएं न सिर्फ पुरूषों को विशेष रूप से अपनी ओर आकर्षित करती हैं बल्कि प्रतिक्रिया की धुरी भी स्तन ही माने जाते हैं। गोल, कठोर एवं पूर्ण विकसित स्तन, आदर्श स्तन कहलाते हैं। उचित देखभाल के अभाव में स्तन अविकसित रह जाते हैं या बहुत मोटे हो जाते हैं। अधिक मोटे स्तन लटक भी जाते हैं जो स्त्री सौन्दर्य को नष्ट करके मन में हीन भावना उत्पन्न कर देते हैं।

स्तनों के समुचित विकास के लिए यह आवश्यक है कि उनकी उचित देखभाल की जाये। कई लड़कियां अपने स्तनों को एकान्त में जाकर इस ख्याल से मसलती रहती हैं कि वे अतिशीघ्र पूर्ण विकसित होकर उभारयुक्त हो जाएंगे। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि स्तनों की त्चचा अति संवेदनशील होती है और उस पर अति घर्षण या दबाव हानिकारक भी हो सकता है। निम्नांकित उपायों से स्तनों को सही आकार में रखा जा सकता है।

. व्यायाम स्तनों को पुष्ट व सुडौल बनाने में अति सहायक होते हैं। व्यायाम या गहरी सांस लेना वक्षस्थल के विकास में जादू का सा कार्य करता है, अत:उसकी आदत डालनी चाहिए। किसी तख्ते पर या जमीन पर दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाइए।

फिर शरीर के आगे वाले भाग सिर व वक्ष को सांप की तरह ऊपर उठाइए। इस स्थिति में रहकर भुजाओं को ऊपर नीचे इस तरह घुमाइए, जैसे पानी में तैरा जाता है। पेट के नीचे तकिया भी रखा जा सकता है। इस क्रिया को आठ.दस बार करके सीधे खड़े हो जाइए और दोनों बाहों को तेजी से गोलाई में घुमाइए। व्यायाम करते समय ब्लाउज या ब्रा मत पहनिए। इस व्यायाम से स्तन आकर्षक व सुडौल बनते हैं।

. प्रतिदिन सोने से पहले स्तनों पर अश्वगंधादि तेल की धीरे.धीरे गोलाई में मालिश करके सो जाइए। स्तनों का विकास निश्चित होगा। ढीले पड़ गये स्तनों पर अण्डे में थोड़ा सा बेसन फेंटकर स्तनों के चारों ओर लगाइए। इससे स्तन दृढ़ व कोमल होते हैं। सूख जाने पर पानी से धो लीजिए।

. जिन युवतियों के वक्षस्थल पूर्ण विकसित नहीं हैं, उन्हें अपने खान.पान पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। भोजन संतुलित लें जिसमें चिकनाई की प्रचुर मात्र हो तथा कार्बोहाइडेऊट, आयरन, प्रोटीन, विटामिन, लवण आदि तत्वों की मात्र भरपूर हों। इसके साथ ही शरीर को अधिक से अधिक समय तक सीधा रखने का प्रयास करते हुए इन बातों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता .

सपाट एवं अविकसित स्तनों के लिए.

. फलों एवं दूध का पौष्टिक आहार नियमित लीजिए।

. स्तनों पर जैतून के तेल की मालिश हल्के हाथों से नीचे से ऊपर तक निश्चित रूप से करे।

. सुसुम तथा ठण्डे पानी की बौछार बारी.बारी से दोनों स्तनों पर लगभग आधे घंटे तक करे।

. हाथों पर वजन पडऩे वाले व्यायामों को नियमित रूप से करे।

. गहरी सांस लेकर अंदर रोकिए और धीरे.धीरे छोडि़ए। ऐसा कई बार करे।

. हारमोंस विशेषज्ञ की सलाह लीजिए तथा उचित आकार वाली ब्रा पहनिए।

. पैड वाली ब्रा पहनकर आप अपने स्तनों के उभारों को निखार सकती हैं।

. मेंहदी तेल कीे मालिश स्तनों को पुष्ट करने में सहायक होती है।

सामान्य रूप से मोटे स्तनों के लिए:-.

. इस अवस्था में स्तन बहुत भारी हो जाते हैं और छाती पर खरबूजे के समान भारयुक्त होकर भद्दे नजर आने लगते हैं।

. अगर आप मोटी हैं तो मोटापा कम करने का उपाय कीजिए।

. सलाद व हरी सब्जियों का प्रयोग अत्यधिक मात्रा में करिए।

. स्तनों की अधिक मालिश से परहेज कीजिए।

. बच्चों को अपना दूध अवश्य पिलाइए। इससे स्तनों का आकार सही होता है।

. रतिक्रिया के समय ध्यान रखिए कि साथी स्तनों को जोर से न दबाए।

. नियमित व्यायाम के साथ ही एक या डेढ़ इंच के चौड़े फाइबर या फोम के स्ट्रेप्स का इस्तेमाल कीजिए। इससे स्तनों के भार को उठाने में मदद मिलती है।

ढीले एवं लटके स्तनों के लिए:-.

. मासिक धर्म होते ही लड़कियों को उचित ब्रा पहनना शुरू कर देना चाहिए।

. अत्यधिक गर्म पानी से स्नान नहीं करना चाहिए।

. स्तनों को खींच कर बच्चों को दूध नहीं पिलाना चाहिए।

. मालिश हमेशा हल्के हाथों से करनी चाहिए, वह भी नीचे से ऊपर की ओर।

. शारीरिक कमजोरी में पौष्टिक आहार ग्रहण कीजिए।

. स्तनों को अधिक मत रगडि़ए। इससे उनके तंतु ढीले हो जाते हैं।

.अण्डा फेंटना, पकौड़ों के लिए बेसन फेंटना आदि प्रकार के कामों को करके स्तनों को अच्छा व्यायाम दिया जा सकता है।

. स्तनों के ढीलेपन को कम करने के लिए प्लास्टिक सर्जन से सम्पर्क कीजिए।

.सूर्यनमस्कार. मयूरासन. कुक्कुटासन का नियमित व्यायाम स्तनों को सुडौल व पुष्ट बनाता है। इन्हें नियमित रूप से करिए।

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