सरधना से साजिद क़ुरैशी की रिपोर्ट 

 सरधना (मेरठ) कोरोना ने हर किसी को हाथों की पूर्ण स्वच्छता की अहमियत अच्छी तरह से समझा दिया है । हाथों को स्वच्छ रखकर कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य तरह की सक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है । क्योंकि हाथों के जरिये मुंह व नाक के रास्ते कई बीमारियाँ शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाती हैं । इस बारे में समुदाय को पूरी तरह जागरूक करने के लिए ही हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे  विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है । यह बातें बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेश सोम ने बताई । डॉ महेश सोम का कहना है कि रिपोर्ट बताती हैं कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों की होने वाली कुल मौत में करीब 17 प्रतिशत निमोनिया और 13 प्रतिशत डायरिया की चपेट में आने से होती हैं । अगर हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाए तो इस आंकड़े में निश्चित रूप से कमी लाते हुए बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है। शुरूआती दिनों में बच्चे इन्हीं दोनों बीमारियों की चपेट में कई-कई बार आते हैं। क्योंकि वह इधर.उधर चीजों को छूने के बाद ऊँगली मुंह में डाल लेते हैं या तो उन्हीं अनदेखी गंदगी से भरे हाथों से कुछ खा पी लेते हैं और वही डायरिया का प्रमुख कारण बनता है । लम्बे समय तक डायरिया की चपेट में रहने से बच्चे कुपोषण की भी जद में आ जाते हैं जो कि उनके पूरे जीवन चक्र को प्रभावित करता है । इसलिए जरूरी है कि बचपन में ही हाथों की सही सफाई की आदत बच्चों में डालें और इसे उनके व्यवहार में शामिल करने की कोशिश करें । यह ध्यान रहे कि मां बच्चे को छूने व स्तनपान कराने से पहलेए खाना बनाने व खाने से पहले खांसने.छींकने के फ़ौरन बादए बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद और शौच के बाद साबुन पानी से 40 सेकेण्ड तक अच्छी तरह से हाथों को अवश्य धुलें । कोरोना से बचने के लिए बाहर से घर आने पर साबुन पानी से पहले हाथ व पैर अच्छी तरह धुलें तभी अन्दर प्रवेश करें । इसके अलावा कोई वस्तु या सतह को छूने के बाद भी हाथों को धुलें या सेनेटाइज करें ।
 डॉक्टर संजीव त्यागी (फिजीशियन) का कहना है कि सांस सम्बन्धी कई बीमारियाँ हाथों की सही तरीके से साफ़.सफाई न होने से पैदा होतीं हैं । गले के संक्रमण का भी बहुत बड़ा कारण भी यह बनता है । हाथों को अच्छी तरह से धुलने के बाद लोग कपड़े से पोंछ लेते हैं जिससे उस सफाई का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इसलिए हाथों को धोने के बाद उसे हवा में ही सुखाएं और अपने को संक्रमण से बचाएं ।      
डॉक्टर संजीव त्यागी ने साबुन पानी से हाथों की सही तरीके से सफाई के छह प्रमुख चरण बताये हैं । जिसे सुमन के विधि से समझाया गया है । एस-  का मतलब है पहले सीधा हाथ साबुन पानी से धोएं फिर उलटा हाथ धोएं,  एम- फिर मुठ्ठी को रगड़.रगड़कर धोएं अंगूठे को धोएं, एन - नाखूनों को धोएं और कलाई को अच्छी तरह से धोएं । इस विधि से हाथों की सफाई की आदत बच्चों में बचपन से ही डालनी चाहिए और उसकी अहमियत भी समझानी चाहिए ।   ईश्वर नर्सिंग होम के संचालक डॉ सुनील त्यागी ने (एमएस) ने बताया कि इन स्थितियों में हाथों की स्वच्छता का खास ख्याल  रखें - (खाना बनाने और खाना खाने से पहले, शौच के बाद, नवजात शिशु को हाथ लगाने से पहले, खांसने या छींकने के बाद,  बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद, कूड़ा.कचरा निपटान के बाद हाथों को साबुन से 40 सेकंड तक रगड़ रगड़ कर धोना अति आवश्यक है) तभी हम विभिन्न बीमारियों से बच सकते हैं।

- खाना बनाने और खाना खाने से पहले

- शौच के बाद 

- नवजात शिशु को हाथ लगाने से पहले 

- खांसने या छींकने के बाद 

- बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद 

- कूड़ा.कचरा निपटान के बाद जरूर धोएं हाथ 

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