बृजेश सिंह कुशवाहा को मिली थाना सदर की जिम्मेदारी
By News Prahari -
इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा के खिलाफ थाने के तीनों पुलिस वालों और मुकदमे के वादी वकार ने बयान दिए। उनके मुताबिक ट्रक मालिक इमरान से सीधे और वकार से हेड कांस्टेबल के जरिये इंस्पेक्टर ने पैसे लिए हैं। विवेचक सीओ क्राइम ने विवेचना का पहला पर्चा काट दिया है। एसपी सिटी का कहना है कि मुकदमे में नामजद तीनों सिपाहियों के नाम जांच में खोले हैं। सिपाहियों ने कहा कि इंस्पेक्टर के कहने पर ट्रक मालिक और वकार को थाने लाया गया।सदर थाने का हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह 30 हजार की रिश्वत लेते हुए 31 अगस्त को एसपी सिटी और उनकी टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। चोरी के ट्रक के फर्जी मुकदमे की जांच इंस्पेक्टर सदर बिजेंद्र सिंह राणा को एसएसपी ने दी। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने ट्रक मालिक इमरान से चार लाख और खतौली निवासी वकार से 50 हजार रुपये की रिश्वत ली। वकार से 50 हजार रुपये पुलिस को और लेने थे। गिरफ्तारी के बाद यह बात हेड कांस्टेबल ने पुलिस अधिकारियों को बताई है। वकार की तहरीर पर इंस्पेक्टर सदर, हेड कांस्टेबल समेत तीन अज्ञात पुलिस वालों के नाम सामने आए थे। सीओ क्राइम संजीव दीक्षित की जांच में तीनों पुलिसकर्मियों के नाम उजागर हो गए। इसके बाद तीनों के क्राइम ब्रांच ऑफिस में बयान दर्ज हुए। इसमें सिपाहियों ने बताया कि रिश्वत के मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। इंस्पेक्टर ने वकार को थाने बुलवाकर जांच कराने की बात कहीं थी। इसके चलते हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह और तीनों सिपाही वकार को थाने लाए थे।
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