मेरठ । राहुल संकृत्यायन सुभारती स्कूल ऑफ़ लिंग्विस्टिक्स & फॉरेन लैंग्वेजिज एवं तथागत बुद्ध शोधपीठ, सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ़ बुद्धिस्ट स्टडीज, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय,के संयुक्त तत्वावधान में ‘अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. चन्द्रकीर्ति भंते ने धम्मदीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलसूत पाठ के साथ किया। कार्यक्रम संचालक पल्लवी त्यागी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अनुवाद मानवीय सभ्यता की बुनियादी आवश्यकता रही है और वर्तमान में भी इसकी स्वीकार्यता को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अनुवाद केवल शब्दों का ही नहीं होता बल्कि उसके साथ संस्कृतियाँ भी अनूदित होती है। अनुवाद के अभाव में हमारी दुनिया बहुत छोटी और सीमित होती। लोगों को भाषाई रूप से जोड़ने में अनुवादकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनुवाद को एक पेशे के रूप में मान्यता देने और इसे बढ़ावा देने के साथ-साथ पेशेवर अनुवादकों की भूमिका से लोगों को अवगत कराने के उद्देश्य से 30 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाया जाता है। 
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. चन्द्रकीर्ति भंते ने अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि हमें अपने देश में अनुवाद की बेहद प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपरा और उसके इतिहास को विधिवत सामने लाना होगा। आगे उन्होंने कहा कि अनुवाद का महत्त्व इतना अधिक है कि वह पूरे महाद्वीप के सांस्कृतिक परिवेश को भी बदल सकता है। अपनी बात की पुष्टि के लिए उन्होंने बौद्ध ग्रंथों के अनुवाद और उनके प्रभाव से चीन, जापान, कोरिया में बौद्ध संस्कृति के प्रसार की जानकारी प्रस्तुत की। डॉ सीमा शर्मा ने कहा कि अनुवाद मूल लेखन से भी कठिन कार्य है। आज इस अवसर पर हमें उन महान अनुवादकों को याद करना चाहिए जिन्होंने अपना जीवन अनुवाद के लिए अर्पित कर दिया। उन्होंने भारत में अनुवाद के इतिहास जो कि पहली शताब्दी से शुरू होकर भक्तिकाल से लेकर अंग्रेजी राज्य तक पहुंचता है के बारे में महत्पूर्ण जानकारियाँ दी। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक अनुवाद करते समय हमें मिथको, प्रतीकों, संस्कारों और परंपराओं से संबंधित शब्दों के अनुवाद करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्लोबल शब्द व्यापार से प्रेरित है और सही अर्थों में वैश्विक ग्राम की अवधारणा अनुवाद के सहारे ही पूरी हो पायेगी। इस अवसर पर डॉ. हीरो हितो, डॉ सीमा शर्मा, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. रागिनी श्रीवास्तव, सुश्री पल्लवी त्यागी एवं हिना शर्मा आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts