नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के नेशनल कांफ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के मामले में जांच के दौरान खुलासा हुआ है वारदात के बाद से फरार चल रहे कथित आरोपित हरप्रीत सिंह ने फोन कर यह कहा था कि मैंने और हरमीत ने मिलकर त्रिलोचन सिंह की हत्या कर दी है, आकर लाश ले जाओ। पुलिस ने जब हरप्रीत सिंह के फोन के रिकॉर्ड को खंगाला तो पता चला कि इस कॉल के बाद वो फोन नई दिल्ली इलाके में आकर बंद हो गया। बतादें हत्या के इस मामले में फरार हरप्रीत सिंह मुख्य संदिग्ध प्राइम सस्पेक्ट है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और स्पेशल सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस की कई टीमें दोनों आरोपितों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं। त्रिलोचन के भाई को किया था फोन कातिल ने जिस व्यक्ति को फोन पर यह जानकारी दी वह कोई और नहीं, बल्कि नेता त्रिलोचन सिंह का भाई है। वह जम्मू कश्मीर पुलिस के रिटायर ऑफिसर हैं। कॉल आते ही उन्होंने घटना की जानकारी जम्मू पुलिस को दी। इसके बाद जम्मू.कश्मीर पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और फिर मामले का खुलासा हुआ। दिल्ली पुलिस की टीम जब मोती नगर इलाके में स्थित बसई दारा के उस फ्लैट में पहुंची तो त्रिलोचन सिंह मृत हालत में कमरे में पड़े थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज इस संबंध में मामला दर्ज किया। इस बीच देर शाम पुलिस मुख्यालय ने जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी, जबकि स्पेशल सेल को भी जांच में मदद करने के निर्देश दिए। सीसीटीवी फुटेज में भी दिखे दोनों आरोपित जांच के दौरान पुलिस टीम ने जब मोती नगर इलाके की तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो उसमें कथित आरोपित हरप्रीत सिंह और हरमीत दोनों ही दिखाई दे रहे हैं। और इन दोनों ही की पुलिस को तलाश है। क्योंकि फोन करने वाले कॉलर ने खुद को हरप्रीत सिंह बताते हुए यह कहा कि मैंने और हरमीत ने मिलकर त्रिलोचन सिंह की हत्या कर दी है। इसलिए ये दोनों ही पुलिस की नजरों में आरोपी लग रहे हैं। पुलिस का कहना है कि हत्या के बाद से ही दोनों के फोन बंद हैं। तलाश जारी है। अभी तक हत्या किस मकसद से गई है ये भी साफ नहीं हो सका है। पुलिस का कहना है कि ये तभी साफ होगा जब हरप्रीत और हरमीत गिरफ्तार होंगे। वेब पोर्टल चलाता था हरप्रीत सिंह वहीं मामले की जांच में जुटी पुलिस हरप्रीत सिंह की तलाश करते हुए दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में स्थित उसके दफ्तर पहुंचीए तो यह पता चला कि वह यहां से अपना एक वेब पोर्टल चला रहा था। यह पता चला कि इस फ्लैट से एक न्यूज़ पोर्टल चलाया जा रहा थाए लेकिन पड़ोसियों ने बताया कि करीब दो साल से हरप्रीत यहां नहीं आया। इतना ही नहीं पड़ोसियों ने ये भी जानकारी दी कि गुरुवार को पुलिस की टीम जांच करने के लिए यहां आई थी लेकिन यहां ताला लगा था।
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