सीबीआई टीम ने मठ में दी दस्तक

प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरि को समाधि देने के बाद श्री मठ बाघम्बरी गद्दी व उससे जुड़ी संपत्तियों की देखरेख के लिए उत्तराधिकारी की ताजपोशी होनी थी और श्री निरंजनी अखाड़ा ने उसके अनुरूप तैयारी भी कर ली थी, लेकिन महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट पर विवाद बढऩे पर उत्तराधिकारी की ताजपोशी टाल दी गई है।
मठ, बड़े हनुमान मंदिर व उससे जुड़ी संपत्तियों की देखरेख श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पंचों ने अपने हाथ में ले लिया है। पंचों के निर्देशन में समस्त व्यवस्थाओं का संचालन किया जा रहा है। उत्तराधिकारी का चयन धूल रोटी अथवा षोडषी के बाद किया जाएगा।
महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी के रूप में बताया गया है। यह भी लिखा है कि उन्होंने बलवीर गिरि के नाम पर रजिस्टर्ड वसीयत किया है। इसके अलावा कुछ विद्यार्थियों के काम की सराहना करते हुए उन्हें पहले की तरह रखने की बात लिखी है, लेकिन सुसाइड नोट की राइटिंग व हस्ताक्षर में भिन्नता है। श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि अपने हाथ से कुछ नहीं लिखते थे। वे सदैव दूसरे से लिखवाकर सिर्फ साइन करते थे। फिर उन्होंने इतना लंबा-चौड़ा सुसाइड नोट कैसे लिख दिया? उसमें भी हस्ताक्षर अलग पेन से किया गया है।

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