RSS तालिबानी विचारधारा वाला होता तो तीन तलाक कानून नहीं बनता

 

मेरठ। जावेद अख्तर द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना तालिबान से किए जाने पर विरोध में अब भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी उतर आए हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष वाजपेयी ने जावेद अख्तर को नसीहत देते हुए कहा इससे अच्छा होता वो अफगानिस्तान के हालातों की चर्चा करते हुए वहां की जनता के पक्ष में अपना बयान जारी करते।



 उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर की यह तुलना सही नहीं है। आरएसएस अगर तालिबानी विचारों वाला होता तो तीन तलाक के खिलाफ कानून न बना होता। लाखों मुस्लिम महिलाओं को आजादी नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि देश में बहुसंख्यक हिंदुओं की आवाज को दबाया न जाए। हमारे देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास करने वाले जो संगठन हैं,उनकी हिंदू राष्ट्र निर्माण की अवधारणा सौम्य है। 
डा. लक्ष्मीकांत ने कहा कि  जावेद अख्तर अपनी मुखरता के लिए जाने जाते हैं। देश में जब.जब राष्ट्रदोही विकृतियां उफान पर आती हैं, तो जावेद अख्तर उन लोगों के खिलाफ बोलते हैं। कट्टरपंथियों की परवाह किए बगैर उन्होंने वंदे मातरम गाया थाफिर भी संघ की तालिबान से तुलना हमें अस्वीकार्य है। 
डा. लक्ष्मीकांत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संस्कार सिखाता है,देशभक्ति की भावना जगाता है और लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाता है। जावेद अख्तर को संघ का इतिहास पढऩा चाहिए। उसको जानना और समझना चाहिए।


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