साजिद कुरैशी सरधना


सरधना (मेरठ)
पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन सरधना में चौक बाजार स्थित जैन बड़ा मंदिर में उत्तम शौच का अर्थ बताया गया। मुनि श्री ने बताया कि उत्तम शौच धर्म अपनाने से मनुष्य मोक्ष को भी प्राप्त कर सकता है। धर्म के सत्य लक्षण में सत्य के दो अर्थ हैं। सत्य धर्म व सत्य वचन। सत्य धर्म तो आत्मा का स्वभाव होता है। वह तो कीट,पंतग से लगाकर सिद्ध भगवान तक में सब में होता है। सत्य वचन सिद्धो में नहीं संसारी जीवों में होता है।

श्रद्धालुओं ने उत्तम शौच धर्म की पूजा अर्चना और आराधना की। जैन विद्धानों ने कहा कि उत्तम शौच धर्म अर्थात क्रोध, माया और लोभ से मुक्त होना ही उत्तम सोच कहलाता है। आत्मा की निर्मलता होना उत्तम शौच धर्म है।
मंगलवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया गया था। इसके बाद इंद्र वेश में पूजा अर्चना का प्रारंभ किया संगीतमय पूजा अर्चना को देख और सुनकर हर कोई भक्ति भाव में सराबोर होता दिखाई दिया। नगर के सभी जैन मंदिरों और जिनालयों में श्रद्धालुओं ने समर्पण भाव के साथ पूजा अर्चना की। पंकज जैन ने बताया कि जैन श्रावकों के लिए दशलक्षण धर्म सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर आदिश्वर जैन कुणाल जैन अरिहंत जैन ऋषभ जैन रजत जैन गौरव जैन अभिषेक जैन सुनील जैन निखिल जैन आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

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