लखनऊ (एजेंसी)। कैसरबाग क्षेत्र के दिलीप होटल में 24 साल पहले माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला द्वारा एके-47 एवं माउजर से ताबड़तोड़ फायर करके हत्या करने के मामले में पुलिस की केस डायरी गायब है।
इसके चलते कोर्ट में गवाही नहीं हो पा रही है। इस पर एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं शासकीय अधिवक्ता को निर्देश दिया है कि वह केस डायरी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्तूबर को होगी।
पत्रावली के अनुसार, 1 अगस्त 1997 को गोरखपुर के देवेंद्र शुक्ला ने थाना कैसरबाग में श्रीप्रकाश शुक्ला एवं दो अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि 31 जुलाई को वह अपने दोस्त के साथ होटल के कमरा नंबर 102 एवं 108 में ठहरे हुए थे। उसी दौरान करीब 10 बजे सुबह श्रीप्रकाश शुक्ला एवं उसके साथियों ने एके-47 एवं माउजर से फायर कर दिया, जिसमें उनके साथी घायल हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
पुलिस ने विवेचना के बाद 30 मई 1998 को श्रीप्रकाश शुक्ला, नीलेंद्र पांडे एवं राजन तिवारी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी।
मामले में कोर्ट ने छह जून 2020 को नीलेंद्र पांडे को बरी कर दिया है, जबकि श्रीप्रकाश शुक्ला की मौत हो चुकी है। अब यह मामला केवल राजन तिवारी के खिलाफ चल रहा है। कोर्ट के बार-बार आदेश के बावजूद केस डायरी उपलब्ध न कराने के कारण गवाही नहीं हो पा रही है।
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