मेरठ।जनपद के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को मेरठ में जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कई विभागों की हालत खराब मिलने पर प्रभारी मंत्री ने उन्हें फटकार लगाई। कार्यालयों से बाहर नहीं जाने वाले अधिकारियों की गाड़ी में जीपीएस लगवाने को कहा।

विकास भवन सभागार में गुरुवार दोपहर को जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा कार्य ठीक नहीं मिलने पर डीआरडीए के परियोजना निदेशक, जिला पंचायत राज अधिकारी, यूपी नेडा के अधिकारी, एमडीए उपाध्यक्ष आदि अधिकारियों को फटकार लगाई। प्रभारी मंत्री ने कहा कि इन सभी विभागों की योजनाओं का भौतिक सत्यापन कराया जाए। कार्यालयों से बाहर नहीं जाने वाले अधिकारियों की गाड़ी में जीपीएस लगवा कर जांच कराई जाए।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी हर योजना का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए लगातार विकास योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। पिछली जिला योजना समिति की बैठक में भी कई विभागों का कार्य ठीक नहीं था। इस बार भी कुछ विभागों का कार्य ठीक नहीं पाया गया है।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी जनहित में कार्य करें। जिला योजना में पास प्रस्तावों को धरातल पर उतारे। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला योजना के कार्यों पर प्राथमिकता के साथ कराया जाए।
जिला योजना में वर्ष 2020-21 के लिए 42 विभागों से संबंधित 387 करोड़ के विकास कार्यों को स्वीकृति दी गई थी। इनमें से शासन से 278 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी गई। इस धनराशि में से केवल 244 करोड़ रुपए ही अभी तक खर्च हो पाए हैं। प्रभारी मंत्री ने जिला योजना का सारा पैसा विकास कार्यों पर खर्च करने के निर्देश दिए। इसमें अधिकारियों की लापरवाही को प्रभारी मंत्री ने गंभीरता से लिया है। कई विभागों में स्वीकृत कार्यों की राशि में से एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ।
बैठक में राज्यसभा सदस्य विजयपाल तोमर, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, विधायक सत्यवीर त्यागी, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, विधायक जितेंद्र सतवाई, विधायक संगीत सोम, एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, जिलाधिकारी के. बालाजी, मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी, सदस्य विकास उपाध्याय, ऋषि त्यागी आदि उपस्थित रहे।

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