अबला नारी शब्द हमारी शब्दावली में ही नहीं

महिलाओं के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करें

मेरठ। महिलाओं का सम्मान भारतीय संस्कृति की पुरानी परंपरा है अबला नारी शब्द हमारी शब्दावली में ही नहीं है यदि हमारी शब्दावली में अबला नारी शब्द होता प्राचीन व वैदिक काल में और स्वाधीनता से पूर्व रानी लक्ष्मीबाई सहित अनेक वीरांगना कैसे होती महिलाओं के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए यह बात चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने महिला अध्ययन केंद्र व महिला हेल्थ क्लब के शुभारंभ के अवसर पर रानी लक्ष्मीबाई महिला छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं।



               उन्होंने कहा कि हेल्थ क्लब से बालिकाओं के  स्वास्थ्य के साथ मानसिक वह बौद्धिक स्तर भी बढ़ेगा वही महिलाएं समाज में महत्वपूर्ण स्थान पा सकेंगी। कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए हमारा विश्वविद्यालय प्रयत्नशील है शिक्षकों का काम केवल लेक्चर देना नहीं है या शोध के कार्य को बढ़ावा देना ही नहीं है हालांकि यह सब चीज भी महत्वपूर्ण है शिक्षक को चाहिए कि बच्चे में छिपी प्रतिभा को पहचाने उसे निखारने का काम करें साथ ही बच्चों के साथ अपनी भागीदारी भी बड़ा है उनकी समस्याओं का हल करने वाला एजेंट बने भारतीय संस्कृति में शिक्षक वह है जो बच्चे के माता-पिता की तरह स्वयं सीखता है गांव से सिखाता है उसकी दुर्बलता व विशेषता को पहचानते हुए उसे निखारने का काम करता है उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में 50% आबादी महिलाओं की है जो सामाजिक दूरियों को तोड़ते हुए सांस्कृतिक विशेषता को प्रस्तुत कर रही हैं आज हर क्षेत्र में हर फील्ड में वह बराबर की भागीदारी दे रही हैं हमको अपनी सोच को बदलना होगा और महिलाओं को आदर देखकर सम्मानित करना होगा। यह  अवसर पर प्रति कुलपति प्रोफेसर वाई विमला ने कहा कि केवल उच्च पदों पर बैठना ही महिला सशक्तिकरण नहीं है बल्कि उनका सम्मान उनको बराबर की हिस्सेदारी देना महिला सशक्तिकरण आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां पर महिलाएं अपना 100% ना दे रही हो बल्कि वह पुरुषों से एक कदम आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। महिला अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने सभी का स्वागत किया डॉ अनिल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया मंच का संचालन डॉ अलका तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर भूपेंद्र राणा प्रोफेसर वीरपाल सिंह एसीएमओ डॉक्टर पूजा प्रोफेसर नवीन चंद लोहनी, प्रोफेसर एवी कौर, प्रोफेसर आराधना गुप्ता डॉक्टर संजय भारद्वाज डॉ विवेक त्यागी डॉक्टर निशा मनीष इंजीनियर मनीष मिश्रा डॉक्टर गुलाब सिंह रूहल, डॉक्टर पीके बंसल प्रेस प्रवक्ता मितेन्द्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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