लखनऊ। उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी ने एक ओर छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत की तो वहीं संस्कृत विद्यालयों का कायाकल्प भी किया।

माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढऩे वाले 731 मेधावी छात्रों के खाते में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 35 लाख 59 हजार छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तांतरित कर चुकी है। इस साल 2020-21 में कुल 744 छात्र.छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। वहीं 2021-22 में मेधावी संस्कृत छात्रों 42 लाख रुपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी। यह जानकारी राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को दी।

प्रवक्ता ने बताया कि पिछली सरकारों में पीछे रही संस्कृत भाषा का न सिर्फ योगी सरकार ने सम्मान किया बल्कि उसका मान भी बढ़ाया है। प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षा को आधुनिक तर्ज पर बढ़ावा देने के लिये संस्कृत विद्यालयों को डिजटलाइज्ड भी किया। प्रदेश सरकार द्वारा यूपी संस्कृत शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 72 आवासीय संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों को आधुनिक उपकरण मुहैया कराए गए। वहीं, यूपी माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 35 आवासीय संस्कृत उच्चस्तर माध्यमिक विद्यालय में कम्प्यूटर द्वारा संस्कृत की कक्षाएं भी संचालित की गई। जल्द ही संस्कृत विद्यालयों के पाठ्यक्रमों का ई पाठलेखन कराने की तैयारी है। इससे प्रदेश में स्थित 1100 संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के 60 हजार से अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा।यूपी में संस्कृत साहित्य में सिविल सेवा की नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है। संस्कृत भाषा के संवर्धन के लिये अभ्यर्थियों को संस्कृत को मुख्य विषय बनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। 


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