मेरठ। विधानसभा चुनाव 2022 में हर वर्ग कों साधने की कोशिश में अब भाजपा ने प्रबुद्ध वर्ग की ओर रूख किया है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर चुनाव में सफलता पानी है तो इस वर्ग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसी के चलते अब भाजपा ने प्रबुद्धजनों का मन और संजीदगी टटोलने का खाका तैयार किया है। विपक्षी दांव-पेंच से दूर रखने की मंशा से ही सत्ताधारी दल भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र में प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित करने की रूपरेखा बनाई है।

विधानसभा चुनाव में अलग-अलग जाति-वर्गों का वोट जुटाने के लिए सभी दल प्रयासरत हैं। अपने-अपने समाज में प्रभाव रखने वाले नेताओं को जोड़कर जातियों को साधने की जुगत है। उन्हें पदाधिकारी बनाया जा रहा है। भाजपा भी सरकार और संगठन में इसी गणित को संभालते हुए प्रतिनिधित्व दे रही है। बता दे कि सपा और बसपा ने भी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन किए। नाम भले ही प्रबुद्ध वर्ग हो, लेकिन सम्मेलन ब्राह्मण समाज के थे। यह दोनों दल अपने-अपने आधार वोट बैंक के साथ ब्राह्मण के बोनस वोट में अपनी जीत की सफलता देख रहे हैं। वहीं, अब भाजपा ने भी प्रबुद्धजन सम्मेलन करने का फैसला किया है। 
पांच से बीस सितंबर तक प्रत्येक विधानसभा में सम्मेलन 
पांच से बीस सितंबर तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में यह सम्मेलन होंगे। खास बात यह है कि इन सम्मेलनों का आधार जातीय नहीं होगा, बल्कि बौद्धिक वर्ग को इनमें बुलाया जाएगा। शिक्षक, डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, साहित्यकार आदि से पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी संवाद करेंगे। उनसे सुझाव लेंगे और सरकार की योजनाओं पर भी चर्चा करेंगे। इसी तरह एक-एक बूथ जीतने की रणनीति पार्टी ने बनाई है। बूथ समितियों का सत्यापन चल रहा है। पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने बताया कि ये सम्मेलन सभी विधानसभा क्षेत्रों में किए जाएंगे। इसके लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंपी जा चुकी है। सभी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा बूथ विजय अभियान की औपचारिक शुरुआत भी प्रदेश के किसी जिले से कराने की तैयारी है।

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